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दिल्‍ली के प्रदूषण में रहना है स्‍वस्‍थ? RML अस्‍पताल ने जारी की एडवाइजरी, बताया क्‍या करें या न करें

वायु प्रदूषण पर आरएमएल अस्पताल की सलाह: दिल्‍ली में बढ़ते प्रदूषण स्‍तर के चलते अब अस्‍पतालों में भीड़ बढ़ने लगी है. अस्‍पतालों की ओपीडी में रेस्पिरेटरी से लेकर स्किन, आंख और मेंटल हेल्‍थ संबंधी परेशानियों को लेकर लोग पहुंच रहे हैं. मरीजों की बढ़ती संख्‍या को देखते हुए आरएमएल अस्‍पताल में प्रदूषण जनित रोगों के इलाज के लिए स्‍पेशल क्‍लीनिक भी खोला गया है. साथ ही लोगों के लिए एडवाइजरी भी जारी की गई है, ताकि घर पर रहकर ही लोग इस जहरीली हवा में स्‍वस्‍थ रह सकें और उन्‍हें बीमारियों का शिकार न होना पड़े.

आरएमएल अस्‍पताल में डिपार्टमेंट ऑफ रेस्पिरेटरी के एचओडी और पॉल्‍यूशन रिलेटेड इलनेसेज क्‍लीनिक के इंचार्ज डॉ. अमित सूरी ने प्रदूषण को लेकर एडवाइजरी जारी करते हुए कहा कि अगर लोग इन बातों का पालन करेंगे और सावधानियां बरतेंगे तो उन्‍हें बहुत खराब एक्‍यूआई में भी कम से कम परेशानी होगी. लिहाजा जब तक दिल्‍ली-एनसीआर में से प्रदूषण की चादर नहीं हटती है, लोगों को इन बातों को फॉलो करना चाहिए.

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क्‍या कहती है एडवाइजरी

जिन लोगों को पहले से फेफड़ों की बीमारी है, उनको प्रदूषित हवा के संपर्क में आने से गंभीर बीमारी हो सकती है. लम्बे समय तक प्रदूषित हवा में सांस लेने से सामान्य लोगों में भी सांस संबंधी समस्‍याएं ट्रिगर हो सकती हैं. इसलिए बचाव बेहद जरूरी है.

किस -किसको है ज्‍यादा खतरा

. बुज़ुर्ग
. 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चे
. पुरानी बीमारियों जैसे सांस, हृदय इत्यादि रोगों से पीड़ित लोग
. जो लोग अपने व्यवसाय के कारण बहुत अधिक समय बाहर बिताते हैं, जैसे कि रिक्शा चालक, ऑटोरिक्शा चालक, पटरी और टपरी वाले आदि.

क्या करें

. जरूरत पड़ने पर ही घर से बाहर निकलें. जब भी बाहर जाएं तो N-95 मास्क पहनकर ही जाएं. साधारण कपड़े के मास्क प्रदूषण से बचाने में कारगर नहीं हैं, लिहाजा उसे न पहनें.

. सांस ,फेफड़े या दिल की बीमारियों से पीड़ित लोग नियमित रूप से अपनी दवाएं खाएं और डॉक्टर की सलाह से टीकाकरण करवाएं.

. खाना पकाने और गर्म करने के लिए स्वच्छ धुआं रहित गैस या बिजली का उपयोग करें.

. जितना ज्‍यादा हो सके सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें. ताकि वातावरण में भी प्रदूषण को कम करने में आपका योगदान रहे.

क्या न करें

. अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकलें.

. भारी यातायात वाले स्थानों या निर्माण स्थलों पर न जाएं. वहां उड़ने वाली धूल बीमार कर सकती है.

. सूर्योदय से पहले और सूर्यास्त के बाद दौड़ने, टहलने या किसी भी शारीरिक व्यायाम के लिए बाहर न निकलें.

. जब प्रदूषण ज्यादा हो तो दरवाजे और खिड़कियां न खोलें.

. धूम्रपान या तम्बाकू उत्पादों का सेवन न करें.

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