बिहार

हरी मटर की खेती का है फायदे का सौदा, 1 खेत में 2 महीने में 60 से 70 पुराने उद्योग, यह वैरायटी चुनें

हाँ : किसानों के लिए हरी मटर (हरी चिमड़ी) की खेती एक अत्यंत विकल्प है। कृषि विज्ञान केंद्र, कृषि वैज्ञानिक अशोक कुमार का कहना है कि अगर किसान 15 अक्टूबर से 15 नवंबर के बीच हरी मटर की खेती करें, तो उन्हें 60 से 75 दिनों में अच्छी उपज मिल सकती है। किसान एक हेक्टेयर भूमि में 60 से 70 मिलियन डॉलर का फ्लैट प्राप्त कर सकते हैं, जो कम समय में अधिक से अधिक जमीन वाला साबित होगा।

इन 5 वैरायटी को चुनें
हरी मटर की खेती के लिए अशोक कुमार ने पांच प्रमुख वैराइटी निर्धारित की हैं, जो किसान अभ्यास को उच्च उत्पादन दे सकते हैं।

काशी उदय, काशी शक्ति, रिजर्वेशन, आर्केल, जाग्रति ये वैरायटी 60 से 75 दिनों में फलने दिखती हैं और अच्छी मात्रा में उपजी बाजार में हैं।

बीज उपचार और खेती की विधि
हरी मटर की खेती में अच्छी फसल के लिए बीज को जैविक या रासायनिक तरीके से शोधित करना आवश्यक है। जैविक उपचार के लिए 5 ग्राम ट्राइकोडर्मा वरिडीह को 1 किलो बीज में मिला लें। इसके अलावा, रासायनिक विधि से उपचार के लिए ‘एफआईआर’ अपनाई जा सकती है, जिसमें पहले फंगीसाइड, फिर इंकेक्टिसाइड और अंत में राइसोविम कलचर का उपयोग होता है। नीम तेल का उपयोग कीटनाशक के रूप में किया जा सकता है।

इंटरक्रॉपिंग के फायदे
किसान भाई हरी मटर की खेती को मक्का, आलू या अन्य फसलों के साथ इंटरक्रॉप करके अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। हरी मटर की खेती की खेती के रूप में ताल और दियारा क्षेत्र में तेजी से हो रही है।

कृषि के अनुसार, हरी मटर में अनाज, लकड़ी, और विटामिन प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, जिससे सब्जी दूर करने में मदद मिलती है। इसलिए, किसान इसे संगठित होकर अच्छा दावा कर सकते हैं और समाज में पोषण की कमी को दूर करने में योगदान दे सकते हैं।

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