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bharat brand sale of gram lentils with subsidy onion at rs 35 per kg भारत ब्रांड: सब्सिडी के साथ साबुत चने, मसूर दाल की भी सेल, प्याज 35 रुपये किलो, बिज़नेस न्यूज़

भारत ब्रांड बिक्री: केंद्र सरकार बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए अब ‘भारत’ ब्रांड के तहत साबुत चना और मसूर दाल की भी बिक्री करेगी। खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि सहकारी नेटवर्क भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ लिमिटेड (NCCF), भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (नेफेड) और केन्द्रीय भंडार के जरिये साबुत चना 58 रुपये प्रति किलोग्राम और मसूर दाल 89 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बेचा जाएगा। जोशी ने इस पहल के दूसरे चरण को भी पेश किया।

जोशी ने कहा, हम मूल्य स्थिरीकरण कोष के अंतर्गत रखे गए अपने भंडार को सब्सिडी वाली कीमत पर बेच रहे हैं। सरकार ने सहकारी समितियों को तीन लाख टन चना और 68,000 टन मूंग आवंटित किया है। एनसीसीएफ की प्रबंध निदेशक अनीस जोसेफ चंद्रा ने कहा कि वितरण दिल्ली, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र से शुरू होगा। 10 दिन के भीतर इसके देशव्यापी विस्तार की योजना है। केंद्रीय मंत्री ने इस वर्ष दालों के बेहतर उत्पादन की उम्मीद जताई है, क्योंकि सरकार ने दालों के समर्थन मूल्य में काफी वृद्धि की है।

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35 रुपये में मिल रहा एक किलो प्याज

पहले फेज के अंतर्गत वर्तमान दरें गेहूं के आटे के लिए 30 रुपये प्रति किलोग्राम (27.50 रुपये से ऊपर), चावल के लिए 34 रुपये प्रति किलोग्राम (29 रुपये से अधिक), चना दाल के लिए 70 रुपये प्रति किलोग्राम (60 रुपये से ऊपर) हैं। वहीं मूंग दाल तथा मूंग साबुत की कीमत क्रमशः 107 रुपये प्रति किलोग्राम और 93 रुपये प्रति किलोग्राम है। सरकार प्याज के लिए 35 रुपये प्रति किलोग्राम और टमाटर के लिए 65 रुपये प्रति किलोग्राम की दर बनाए रखने की भी कोशिश कर रही है।

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उसना-भूरा चावल को निर्यात शुल्क से छूट

सरकार ने उसना चावल और भूरा चावल (ब्राउन राइस) को निर्यात शुल्क से छूट दे दी है। वित्त मंत्रालय के अनुसार, उसना चावल, भूरा चावल और धान पर निर्यात शुल्क 10 प्रतिशत से घटाकर शून्य कर दिया गया है। यह छूट 22 अक्टूबर से प्रभावी हो गई। सूत्रों ने बताया कि इस शुल्क कटौती पर निर्वाचन आयोग की मंजूरी मिल गई है, बशर्ते कि इससे कोई राजनीतिक लाभ न उठाया जाए।झारखंड और महाराष्ट्र में अगले महीने चुनाव होने वाले हैं। सरकार ने पिछले महीने गैर-बासमती सफेद चावल को निर्यात शुल्क से छूट दे दी थी। वहीं निर्यात को बढ़ावा देने तथा किसानों की आय बढ़ाने के लिए बासमती चावल के न्यूनतम निर्यात मूल्य को भी समाप्त कर दिया गया है।

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