मशरूम मास्टर प्लांट के लोग, सब्जी की खेती से लेकर खाद-बीज तक की ट्रेनिंग, विवरण जानें
बस्ती: उत्तर प्रदेश के जिलों में मशरूम की खेती को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। म्यूनिख प्रयोगशाला द्वारा 19 मार्च से तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इस प्रशिक्षण में किसानों को मशरूम की खेती के विभिन्न नियम जैसे कि खाद बनाना, बीज बनाना और खेती करने की पूरी प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी जाएगी।
प्रशिक्षण का महत्व
मशरूम की खेती एक व्यवसाय है लेकिन इस क्षेत्र में बार-बार जानकारी की कमी किसान के लिए सफल नहीं हो पाती है। एक की असफलता की कहानी से फिर बाकी लोग उसकी खेती से दूर हो जाते हैं। बस्ती जिले में पेड़ों की खेती की जाती है, लेकिन किसानों को सही प्रशिक्षण और जानकारी नहीं मिल पाती है, जिससे उन्हें कभी-कभी नुकसान होता है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य किसानों को सही जानकारी प्रदान करना और उन्हें उत्पादन में सक्षम बनाना है।
आवेदन की पूरी प्रक्रिया क्या है
विवेकानन्द वर्मा प्रयोगशाला 18 के साथ बातचीत में प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण में भाग लेने के लिए किसानों के आवेदन के लिए आमंत्रित किया गया है। हर बच्चे में 50 मंजिलें हैं और आवेदन करने के लिए कुछ प्रावधान निर्धारित किए गए हैं। किसानों की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए। आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेजों में पासपोर्ट साइज फोटो, आधार कार्ड और 50 रुपये का पंजीकरण शुल्क शामिल है। इच्छाधारी किसान अपना आवेदन लैपटॉप ग्रीनहाउस में जमा कर सकते हैं।
प्रशिक्षण की तारीखें
विवेक वर्मा पशुपालन प्रयोगशाला 18 के साथ बातचीत में बताया गया है कि प्रशिक्षण कार्यक्रम की अगली तारीखें 17 से 19 दिसंबर, 7 से 9 जनवरी और 20 से 22 फरवरी तय की गई हैं। इच्छुक किसान इन तिथियों में से किसी भी तरह से आवेदन कर सकते हैं। यह प्रशिक्षण किसानों को तीन प्रकार के मशरूम जैसे कि ढींगरी, बटन और मसालों से बने मशरूम की खेती की तकनीक से प्रशिक्षित किया जाता है।
प्रशिक्षण का पाठ्यक्रम- किसानों को निम्नलिखित विषयों पर जानकारी दी जाएगी
1. कम्पोस्ट बनाने की विधि: मशरूम की खेती के लिए गुणवत्तायुक्त कम्पोस्ट का निर्माण कैसे करें।
2. बीज उत्पादन: उच्च गुणवत्ता वाले बीज का उत्पादन कैसे किया जाता है।
3. फसल प्रबंधन: मशरूम की खेती के दौरान किसानों का समाधान कैसे करें और फसल की देखभाल कैसे करें।
4. विपणन: बादाम की बिक्री के लिए सही बाज़ार का चयन कैसे करें।
विशेषज्ञ से उचित प्रशिक्षण
प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन मंज़ूर के विशेषज्ञों द्वारा किया जाता है जो इस क्षेत्र में व्यापक अनुभव रखते हैं। किसान प्रशिक्षण के दौरान उनके सहयोगियों और उद्यमियों से लाभ उठाओ शुल्क। यह केवल किसानों के लिए प्रशिक्षण नहीं है बल्कि क्षेत्र के आर्थिक विकास में भी योगदान देना है। यदि किसान सही तकनीक से मशरूम की खेती करेंगे तो इससे उनकी आय में वृद्धि होगी और वे आत्मनिर्भर होंगे।
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पहले प्रकाशित : 29 अक्टूबर, 2024, 22:14 IST