बिहार

बिजनेस माइंड, टोक्यो का किया ऐसा इस्तेमाल…जबरदस्त पैसा रहा नगर प्रशासन, लोगों को दिया रोजगार

आख़िर. कचरा प्रबंधन को लेकर सरकार की ओर से कई योजनाएं चल रही हैं लेकिन हाजीपुर नगर परिषद ने जिस तरह से ग्रुप का प्रबंधन किया है उसमें ना सिर्फ करोड़ों रुपये का राजस्व प्राप्त हो रहा है बल्कि लोगों को रोजगार भी मिल रहा है। नगर परिषद ने हाजीपुर के बागमुसा में विकेन्द्रीकृत ठोस ठोस प्लास्टिक इकाई की स्थापना की है, जहां प्रतिदिन शहर के सभी वार्डो से गिला और सूखा कचड़ा का संयोजन लाया जाता है, जिसके बाद कबाड़ से खाद बनाई जाती है।

इस बारे में नगर परिषद के सिटी मैनेजर दीपक कुमार ने बताया कि यहां 20 महिलाएं काम करती हैं जो कि कच्ची और कच्ची होती हैं। कबाड़ी में प्लास्टिक, लोहे का सामान अलग रखा जाता है और कबाड़ीवालों को बेचा जाता है, जबकि बाकी में कबाड़ीवालों को अलग-अलग तरह से बेचा जाता है, जबकि बाकी को कबाड़ीवालों के साथ मिलकर बेचा जाता है। उन्होंने बताया कि इस प्लांट में दो-दो ऑटोमेटिक मशीन लगी होती है, जिसमें हर दिन तीन-तीन बेकार मशीनें लगाई जाती हैं, जिसके 24 घंटे बाद खाद तैयार हो जाती है।

5 टन खाद बनाने का लक्ष्य
साथ ही इस बारे में नगर परिषद के नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष सुशील कुमार ने बताया कि स्वतंत्रता सर्वेक्षण के तहत हाजीपुर को देश के टॉप-10 सुंदर शहरों में शामिल करने और हाजीपुर को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए यहां अंडर-नामूनिअल से छात्रावास प्रबंधन किया जा रहा है। खाद तैयार की जा रही है और इस योजना में कूड़ा उठाने से लेकर खाद बनाने तक की प्रक्रिया में 200 लोग शामिल हैं, जिनमें रोजगार मिल रहा है। उन्होंने बताया कि प्लास्टिक में प्लास्टिक बोतल, लोहा, टिन को बेचकर दस लाख रुपये का राजस्व अर्जित करने का लक्ष्य रखा गया है। वहीं महीने में 5 टन खाद बनाने का लक्ष्य रखा गया है. पुरालेख में बताया गया है कि इसके अलावा शहर में चार और ऑटोमोबाइल इकाइयां बनाई जा रही हैं, जिससे ना सिर्फ कचरे का बेहतर प्रबंधन होगा बल्कि शहर भी साफ सुथरा होगा।

पहले प्रकाशित : 9 दिसंबर, 2024, 16:13 IST

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