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आईआईटी कानपुर के प्रोफेसरों की ऐतिहासिक खोज, अब एचआइवी और कैंसर मरीजों के इलाज में मिलेगी मदद

अखंड प्रताप सिंह/कानपुर: आईआईटी कानपुर के नाम एक और सफलता लगी है. आईआईटी कानपुर ने शरीर में बैक्टीरिया को फैलाने वाले एक खास रिसेप्टर की खोज की है. इस खोज के बाद से संक्रामक रोगों के इलाज में काफी मदद मिलेगी. क्योंकि इसमें रिसेप्टर की संरचना के बारे में सारी जानकारी आईआईटी कानपुर ने खोज निकाली है.

यह है खोजा गया रिसेप्टर
आईआईटी कानपुर के बायो साइंस एंड बायो इंजीनियरिंग विभाग के वैज्ञानिक प्रोफेसर अरुण कुमार शुक्ला और उनकी टीम ने इस खास रिसेप्टर की खोज की है. मानव शरीर की एक कोशिका रिसेप्टर की संरचना की खोज है, जिसका नाम डफी एंटीजन रिसेप्टर है. यह खास रिसेप्टर प्रोटीन कोशिका में प्रवेश द्वार के रूप में काम करता है, जो कई संक्रमण के बैक्टीरिया को फैलाने का भी काम करता है, जिसमें मलेरिया परजीवी, प्लाज्मोडियम विवैक्स और जीवाणु, स्टेफिलोकोकस, और यश जैसे खतरनाक कारकों के संक्रमण को भी फैलता है. यह रिसेप्टर रेड ब्लड कोशिका और अन्य कोशिकाओं की सतह पर पाया जाता है.

अंतरराष्ट्रीय पत्रिका में हुआ प्रकाशन
आईआईटी कानपुर की इस रिसर्च को देश और दुनिया की जानी-मानी रिसर्च वैज्ञानिक पत्रिका सेल में प्रकाशित किया गया है. इतना ही नहीं इस रिसेप्टर की खोज के बाद कई गंभीर संक्रमण रोगों के इलाज के लिए बनने वाली दवाओं में भी काफी मदद मिलेगी.

रिसर्च करने वाले प्रोफेसर ने बताया
इस रिसर्च करने वाले प्रोफेसर अरुण शुक्ला ने बताया कि इस रिसेप्टर की खोज के बाद कैंसर एचआईवी जैसे गंभीर और खतरनाक संक्रामक रोगों के इलाज में भी मदद मिलेगी. इससे उनके लिए प्रभावी दवा बनाई जा सकेगी. दुनिया भर में कई रिसर्चर कई सालों से डफी एंटीजन रिसेप्टर के रहस्य को खोजने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि यह रिसेप्टर बैक्टीरिया और परजीवियों को हमारी कोशिकाओं पर हमला करने और बीमारी पैदा करने में मदद करता है.

वहीं, आईआईटी कानपुर द्वारा की गई रिसर्च में यह चीज सामने आई है कि रोगाणु कोशिकाओं को संक्रमित करने के लिए कैसे इसका फायदा उठाते हैं इसका पता लगाया गया है जिसके चलते अब ऐसी प्रभावी दवाएं बनाई जा सकेगी जिससे ऐसा होने से रोका जा सके.

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