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तेलंगाना में सभी स्कूलों में तेलुगु जरूरी, 2025-26 से लागू होगा नियम

<पी स्टाइल ="पाठ-संरेखण: औचित्य;">तेलंगाना सरकार ने राज्य में सभी स्कूलों में पहली से दसवीं क्लास तक तेलुगु को अनिवार्य विषय के रूप में पढ़ाने का आदेश जारी किया है. यह नियम केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE), भारतीय स्कूल प्रमाणपत्र परीक्षा परिषद (ICSE), अंतर्राष्ट्रीय बैक्लोरिएट (IB) और अन्य बोर्डों से संबद्ध स्कूलों में भी लागू होगा. यह फैसला शैक्षणिक सत्र 2025-26 से प्रभावी होगा.

राज्य सरकार ने वर्ष 2018 में तेलंगाना (स्कूलों में तेलुगु की अनिवार्य पढ़ाई) अधिनियम लागू किया था, जिसके तहत सरकारी और निजी सहायता प्राप्त स्कूलों में तेलुगु पढ़ाना आवश्यक कर दिया गया था. हालांकि, विभिन्न कारणों से पूर्ववर्ती भारत राष्ट्र समिति (BRS) सरकार इस नियम को पूरी तरह लागू नहीं कर पाई थी. अब मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार ने इस अधिनियम को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए ठोस कदम उठाए हैं.

सभी बोर्डों पर लागू होगा नया नियम

सरकार के नए आदेश के तहत, राज्य के सभी स्कूलों में पहली से दसवीं कक्षा तक के छात्रों को तेलुगु पढ़ाना अनिवार्य किया जाएगा. खासतौर पर, सीबीएसई, आईसीएसई और अन्य बोर्डों से संबद्ध स्कूलों में भी इस नियम को लागू किया जाएगा, जहां अभी तक यह अनिवार्य नहीं था. सरकार ने स्कूल प्रबंधन के साथ बैठक कर यह निर्णय लिया कि 2025-26 सत्र से नौवीं और दसवीं कक्षा के छात्रों को भी तेलुगु पढ़नी होगी.

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स्कूलों को आदेश और निगरानी की व्यवस्था

सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि गैर-तेलुगु भाषी छात्रों को किसी प्रकार की कठिनाई न हो. इसके लिए मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने ‘सिंपल तेलुगु’ पाठ्यपुस्तक ‘वेन्नेला’ को पाठ्यक्रम में शामिल करने का निर्णय लिया है. यह पुस्तक विशेष रूप से उन छात्रों के लिए तैयार की गई है, जिनकी मातृभाषा तेलुगु नहीं है या जो अन्य राज्यों से आते हैं. इससे सीबीएसई और अन्य बोर्डों के छात्रों के लिए परीक्षा देना आसान होगा. राज्य सरकार ने सभी संबंधित स्कूलों को इस नए आदेश के अनुपालन के निर्देश जारी कर दिए हैं. शिक्षा विभाग स्कूलों में इस निर्णय को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए निगरानी भी करेगा.

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