झारखंड की राजनीति: क्या बीजेपी को मिली नई ताकत, जेएमएम के चंपई सोरेन से दरार, जानिए और क्या – अमर उजाला हिंदी न्यूज लाइव
झारखंड के पूर्व सीएम चंपई सोरेन और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी।
– फोटो : एएनआई/अमर उजाला
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झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चैंपियन सोरेन ने नई पार्टी बनाने की मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा कि वे राजनीति से संन्यास नहीं लेते हैं और अपने समर्थकों से मिलने के बाद नई पार्टी बनाने की घोषणा करेंगे। पार्टी बनाने से पहले ही चैंपियन सोरेन ने साफ कह दिया था कि अगर कोई दोस्त है तो वे गठबंधन करने से पहले नहीं जाएंगे। उनका रास्ता खुला है। झारखंड में जिस तरह की जीतें हैं, माना जा रहा है कि चुनाव पूर्व या चुनाव के बाद चंपई सोरेन बीजेपी के साथ जा सकते हैं।
नीचे, चंपई सोरेन की खुली बगावत वैलेंटाइन सोरेन से है, वे झारखंड मुक्ति मोर्चा के साथ नहीं जाएंगे। झारखंड में एलेक्ट्रोमिक प्लांट्स के इंडिया एलायंस के गठबंधन के घटक अटलांटिक महासागर बिहार मॉडल को अपनाते हुए कांग्रेस, राजद और वाम दल के साथ सामूहिक चुनाव लड़ सकते हैं। ऐसे में चंपेई सोरेन का स्वभाविक साथी साथी ही हो सकता है।
चंपेई सोरेन साम्राज्य के घटक दल के रूप में ग्लेशियर बैटल फ़्लैग हैं, यह बड़ी खबर नहीं है। सबसे बड़ी खबर यह है कि उन्होंने भाजपा का समर्थन क्यों नहीं किया? रांची पहुंचने से पहले चंपेई सोरेन तीन दिन पहले दिल्ली में थे और राजनीतिक गलियारों में कॉन्स्टेंटाइन ये स्टॉक जा रहे थे कि देर-सबेर वे भाजपा का आह्वान कर सकते हैं। लेकिन लंबे इंतजार के बाद भी चैंपियन सोरेन ने बीजेपी को शामिल नहीं किया. बल्कि रांची इंफ्रास्ट्रक्चर नई पार्टी बनाने की घोषणा कर उन्होंने अपनी प्रतिज्ञा को भी चौंका दिया।