मध्यप्रदेश

किसी व्यक्ति में ये बदलाव देखें तो हो सकता है परहेज, हो सकता है अवसाद; जानें बेस्ट डॉक्टर की राय, इन पांच कारणों से जान सकते हैं किसी व्यक्ति के डिप्रेशन के बारे में, प्राकृतिक चिकित्सा विशेषज्ञ डॉक्टर से जानें सही जानकारी

बुरहानपुर. आज के दौर में बच्चा हो या बुजुर्ग, सभी में अवसाद की समस्या गरीबी जा रही है। यह एक ऐसी समस्या है, जो आत्मघाती कदम उठाने के लिए भी मजबूर हो सकती है। अगर आपके घर में बड़े छोटे बच्चे, बुजुर्ग, या 30 से 40 साल की उम्र के लोग हैं, और उनमें इस तरह के पांच लक्षण नजर आ रहे हैं, तो वे अवसाद में हो सकते हैं। ऐसे में इनस्टॉल मैकेनिकल गैजेट्स से उनका उपचार किया जाता है, ताकि अवसाद को दूर किया जा सके।

बेसिक्स लैबोरेट्री डॉक्टर ने दी जानकारी
बैसाखी मैसाचुसेट्स डॉक्टर दीपांकर अत्रे ने लोकल 18 की टीम को बताया कि यदि आपके घर में कोई बच्चा, वयस्क या अधेड़ व्यक्ति नहीं है, तो आप इसमें पांच लक्षण देख सकते हैं। अगर ये लक्षणदिखाई देते हैं, तो उन्हें तुरंत स्ट्रोक अस्पताल ले जाएं उनका इलाज कराएं। पहले लक्षण के रूप में व्यक्ति अकेले रहना पसंद करेगा, दूसरा भूखा कम शौक, तीसरा मोशन पिक्चर रिवाइवर, चौथा वह बहुत कम बात चाहता है, और पांचवां उसे नींद नहीं आएगी। इन लाइसेंस के आधार पर डॉक्टर की सलाह लेना ज़रूरी है। अवसाद अगर 6 महीने से ज्यादा बढ़ गया है, तो व्यक्तिगत आत्मघाती कदम भी उठाया जा सकता है।

जिला अस्पताल में भी बढ़ रही है गरीबों की संख्या
जिला अस्पताल के मनकक्ष प्रभारी, मेडिकल मेडिकल मेमोरियल झडानिया और मनकक्ष सीमा के डेविड ने बताया कि बुरहानपुर जिले में 2016 में मनकक्ष की शुरुआत हुई थी। टेबल 100 से 150 मरीजों को हर महीने इलाज की जरूरत होती थी, लेकिन कोरोना काल के बाद से यह आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। अब यह संख्या 400 से 500 से अधिक पिछले 6 महीने में 650 तक पहुंच गई है। हर माह ये मरीज यहां पर इलाज करवा रहे हैं। कुछ को डीजिटाइज़ किया जाता है, जबकि कुछ को डीजिटाइज़ किया जाता है, 2016 से अब तक करीब 42,000 लोगों ने यहां कारोबार किया है। दार्शनिकों का कहना है कि अवसाद का मुख्य कारण अधिक सोच-विचार करना और एक ही बात दिमाग में बार-बार लाना है।

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