रेलवे में मछली पकड़ने लगे, फ़्लैक पर खाक गुडने जीआरपी जवान, दिखावे में मिला कुछ ऐसा, उड़े होश
अगरतला. भारतीय रेलवे से लाखों की संख्या में लोग आराम से यात्रा करते हैं। रेलवे के लोगों को उनके गणत परिसंपत्ति तक पक्की नियुक्ति में भी मदद मिलती है। भारतीय रेलवे दुनिया के विशालतम रेल नेटवर्क में से एक है। इतने बड़े नेटवर्क की सुरक्षा की जिम्मेवारी मुख्य रूप से आरपीएफ और जीआरपी के रिकार्ड पर है। रेलवे परिवहन के साथ यात्रियों की सुरक्षा करना बड़ी चुनौती है। आस्था के साथ ही जीआरपी के सैकड़ों युवा चौबीस घंटे सिकमोटोरिटी में रहते हैं। जीआरपी के खुलासे में एक बार फिर से अपनी सतर्कता का परिचय दिया गया है। खबर से बड़ी मात्रा में नशीले पदार्थ (ड्रग) की पुष्टि की जानकारी मिली थी। गुप्तचर सूचना से पता चला कि रेलवे नेटवर्क में फोटोग्राफरों से पूछताछ की गई है। एंटरप्राइज़-अनलॉक में जीआरपी की टीम को फैक्ट्री में शामिल किया गया और जब उसे काम पर लगाया गया।
जीआरपी की टीम ने इसके बाद अगरतला रेलवे स्टेशन के आस-पास के स्टेशनों पर पाइपलाइन अभियान शुरू किया। की एक टीम ने स्ट्रोक्स ड्राइव ऑपरेशन पर काम किया। हर तरफ नशे की पुतली की पुतली शुरू हो गई। काफी देर तक अभियान के बाद भी फार्मरी कंसाइनमेंट का कुछ पता नहीं चल पाया था। ऐसे में जवान भी धीरे-धीरे थकने लगे थे. इसके बावजूद रेलवे ट्रैक के आसपास रेस्टॉरेंट अभियान जारी किया गया। अंततः जीआरपी के विस्फोटकों से बनी वस्तुओं को बरामद करने में सफलता प्राप्त हुई।
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असलियत में छिपा हुआ था 44 किलों का कारखाना
रेलवे ट्रैक के किनारे सॉसेज अभियान के दौरान जीआरपी टीम में शामिल सोलो को पास की ओर कुछ दिखाते हुए दिखाया गया। इसके बाद जवान और भी छोड़ दिया गया। जब माल गया तो फैक्ट्री के टुकड़े बरामद हो गये। जीआरपी के अधिकारियों ने बताया कि कुल 44 ट्रेन नशीला पदार्थ था। जा रहा है कि नशे की लत ने इस स्मारक को अगरतला रेलवे स्मारक पर स्थापित किया था, फिर उसे कहीं और ले जाने की योजना बनाई थी। जीआरपी ने समय रहते कार्रवाई करते हुए 44 किलों की फैक्ट्री बरामद कर ली। जा रहा है कि इसमें तंबाकू के बारे में बताया गया था। रेल पुलिस को अब इस बात का पता चल गया है कि इसके पीछे किसका हाथ था। इसे कहाँ से लाया गया था और कहाँ ले जाया गया था। फैक्ट्री फैक्ट्री की तह तक जाने की कोशिश की जा रही है।
42 करोड़ की फैक्ट्री
इससे पहले सोमवार को भी पूर्वोएटर के असम के साथी में नशीले पदार्थ के बड़े टुकड़े बरामद किये गये थे। इसकी कुल कीमत 42 करोड़ रुपये थी. पुलिस ने तीन तस्करों के पास से 1.20 लाख याबा टैबलेट और 537 ग्राम हेरोइन बरामद की थी। असम के करीमगंज जिले में गाड़ियों के कारखाने के दौरान कारखाने के अवशेष बरामद किये गये। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जैविक तस्माकर खेती को गांव से देश के मजूदर हिसासों में ले जाने की तैयारी में थे। बता दें कि पिछले कुछ महीनों में पूर्वो थिएटर के कई साथियों से बड़ी मात्रा में नशीला पदार्थ मिला है।
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पहले प्रकाशित : 19 सितंबर, 2024, 22:02 IST