राष्ट्रीय

कोलकाता कांड में पूर्व प्रिंसिपल-थाना प्रभारी की हिरासत बढ़ी, संदीप घोष के नार्को टेस्ट की मांग

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में बलात्कार और हत्या मामले की जांच जारी है। अदालत ने कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और ताला पुलिस स्टेशन प्रभारी अभिजीत मंडल को 25 सितंबर तक सीबीआई हिरासत में भेज दिया है। साथ ही, जांच एजेंसी ने पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष का नार्को एनालिसिस टेस्ट करने की कोर्ट से इजाजत मांगी है। इसके अलावा, सीबीआई की स्पेशल क्राइम ब्रांच एसएचओ अभिजीत मंडल का पॉलीग्राफ टेस्ट कराना चाहती है। इसकी इजाजत लेने के लिए सियालदह कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई है। यह देखने वाली बात होगी कि अदालत से इसकी मंजूरी मिलती है या नहीं।

इससे पहले कोर्ट ने सीबीआई की उस याचिका को ठुकरा दिया था, जिसमें इस मामले के मुख्य आरोपी संयज रॉय के नार्को टेस्ट की इजाजत मांगी गई थी। एक अधिकारी ने कहा कि गिरफ्तार आरोपी संजय ने नार्को टेस्ट कराने से इनकार कर दिया था। सीबीआई से जुड़े सूत्रों ने कहा कि रॉय ने शुरू में नार्को परीक्षण कराने पर रजामंदी जताई थी, लेकिन बाद में वह अपनी बात से पलट गया। केंद्रीय जांच एजेंसी ने सियालदह अदालत से अपील की थी कि वह उसे रॉय का नार्को टेस्ट कराने की अनुमति दे। अधिकारी ने कहा कि जब न्यायाधीश ने आरोपी से इस बारे में पूछा तो वह नार्को परीक्षण कराने के लिए राजी नहीं हुआ।

जानें क्या होता है पॉलीग्राफ टेस्ट

पॉलीग्राफ जांच संदिग्धों और गवाहों के बयानों में विसंगतियों का आकलन करने में मदद कर सकती है। उनकी मनोवैज्ञानिक प्रतिक्रियाओं (हृदय गति, सांस लेने के तरीके, पसीने और रक्तचाप) की निगरानी करके जांचकर्ता यह निर्धारित कर सकते हैं कि उनकी प्रतिक्रिया में विसंगतियां हैं या नहीं। थाला थाने के पूर्व प्रभारी अभिजीत मंडल को कोलकाता कांड की जांच के शुरुआती दिनों में सबूत नष्ट करने के आरोप में सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया था। बाद में सरकार ने मंडल को निलंबित कर दिया।

जूनियर डॉक्टर्स ने शुक्रवार को भी निकाला मार्च

कोलकाता पुलिस के नए आयुक्त मनोज वर्मा ने गुरुवार को आरजी कर मेडिकल कॉलेज का दौरा किया। आरजी कर अस्पताल में 9 अगस्त को महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और उसकी हत्या कर दी गई थी। इसके बाद देशभर में प्रदर्शन शुरू हुए और पश्चिम बंगाल के जूनियर डॉक्टर्स ने काम बंद आंदोलन शुरू किया था। जूनियर डॉक्टर्स ने शुक्रवार को साल्ट लेक स्थित सीबीआई कार्यालय तक मार्च निकाला। पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से अधिकतर मांगें मान ली गईं। इसके बाद डॉक्टर्स ने घोषणा की थी कि वे शनिवार से अपना आंदोलन आंशिक रूप से खत्म करके राज्य की ओर से संचालित अस्पतालों में आपातकालीन और आवश्यक सेवाओं में लौटेंगे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *