राजनीतिक लाभ के लिए भगवान का इस्तेमाल कर रहे चंद्रबाबू नायडू, लड्डू विवाद पर जगन मोहन रेड्डी
युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (YSRCP) प्रमुख वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने तिरुमला में घी में मिलावट के आरोपों को लेकर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू पर निशाना साधा। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि सीएम अपने 100 दिन के शासन से जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं। जगन ने कहा कि नायडू ऐसे व्यक्ति हैं जो राजनीतिक लाभ के लिए भगवान का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘यह ध्यान भटकाने की राजनीति है। एक तरफ लोग चंद्रबाबू नायडू के 100 दिन के शासन को लेकर अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। वे पूछ रहे हैं कि उनके सुपर सिक्स (चुनावी वादों) का क्या हुआ। लोगों का ध्यान भटकाने के लिए यह मनगढ़ंत कहानी रची जा रही है।’
जगन मोहन रेड्डी ने कहा कि घी में मिलावट के आरोप अति गंभीर हैं। उन्होंने पूछा कि दुनिया भर में करोड़ों भक्तों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करना क्या उचित है। जगन ने कहा कि सबूत के तौर पर प्रयोगशाला जांच रिपोर्ट में जिन नमूनों, जांच और नतीजों का उल्लेख किया है, वे एनडीए सरकार में ही सामने आए। उन्होंने कहा कि हर 6 महीने में घी आपूर्तिकर्ता का चयन करना तिरुमला तिरूपति देवस्थानम (TTD) की नियमित प्रक्रिया है जो दशकों से जारी है। इसमें कोई नई बात नहीं है।
चंद्रबाबू नायडू का क्या है दावा
तेलुगु देशम पार्टी (TDP) सुप्रीमो चंद्रबाबू नायडू ने 18 सितंबर को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) विधायक दल की बैठक के दौरान गंभीर आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि पिछली वाईएसआरसीपी सरकार ने श्री वेंकटेश्वर मंदिर को भी नहीं बख्शा और लड्डू बनाने के लिए घटिया सामग्री व पशु की चर्बी का इस्तेमाल किया। नायडू ने कहा कि लोग कह रहे हैं कि वाईएस जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली पिछली सरकार के दौरान लड्डू (तिरुपति में भगवान बालाजी को चढ़ाया जाने वाला पवित्र प्रसाद) में इस्तेमाल घी में कथित मिलावट के कारण उनकी भावनाएं आहत हुई हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली सरकार ने सस्ते दामों पर घटिया घी खरीदकर लड्डू की गुणवत्ता प्रभावित की और तिरुमला तिरुपति देवस्थानम की पवित्रता भंग की।
जांच रिपोर्ट में क्या आया सामने
टीटीडी तिरुपति में लोकप्रिय श्री वेंकेटेश्वर स्वामी मंदिर का प्रबंधन करता है। इस मंदिर में सालभर लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। शुक्रवार को TTD ने प्रयोगशाला रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि घी में पशु चर्बी और लार्ड (सूअर की चर्बी) की मौजूदगी का पता चला है। टीटीडी के कार्यपालक अधिकारी जे श्यामल राव ने कहा कि प्रयोगशाला परीक्षणों में चुने गए सैंपल्स में पशुचर्बी और लार्ड की मौजूदगी का खुलासा हुआ है। बोर्ड मिलावटी घी की आपूर्ति करने वाले ठेकेदार को कालीसूची में डालने की कार्यवाही में जुटा है।