मुसलमानों के दोनों गुटों को मिलें न्यू इलेक्शन, सुप्रीम कोर्ट पहुंचा शरद रेवेरे खेमा; मांग क्यों कर रहे हो?
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले शरद ऋतु के नेतृत्व वाले गुट ने शुक्रवार को सर्वोच्च न्यायालय (एससी) का रुख किया। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के दोनों गुटों को नए चुनाव के लिए चुना गया है। 25 सितंबर की तारीख तय करने के लिए दुर्लभ सूर्यकांत और कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय बीएच भंडार की पृष्टभूमि ने आवेदन किया है। इससे पहले शरद रेवेन्यू गुट की ओर से प्रधान सचिव नियुक्त मनु सिंघवी ने कहा था कि महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर वह मामले को अंतिम रूप देना चाहते हैं।
सिंघवी ने कहा कि जब तक मामले पर अंतिम निर्णय नहीं हो जाता, तब तक महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले दोनों कंपनियों को नए चुनाव के लिए जाना चाहिए। शरद पावर ने 6 फरवरी को इलेक्ट्रॉनिक्स आयोग के आदेश के तहत सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ रुख अपनाया, जिसमें महाराष्ट्र के स्थायी उपाध्यक्ष के नेतृत्व वाले समूह को वास्तविक राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के रूप में शामिल किया गया है।
निर्वाचन आयोग ने राकांपा के चुनाव में ‘घड़ी’ को भी अजित के नेतृत्व वाले समूह को शामिल किया है। शरद पावर द्वारा स्थापित राकांपा की इलेक्शन यूनिट से पहले ‘घड़ी’ ही थी। शीर्ष अदालत ने 19 मार्च को शरद समर्थक गुट को देश में चुनाव से पहले नाम के रूप में ‘राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र राइटर’ और चुनाव ‘तुरहा बजाता आदमी’ का उपयोग करने की अनुमति दी थी।
शीर्ष अदालत ने 19 फरवरी को निर्देश दिया था कि शरद समर्थक गुट की पार्टी का नाम ‘राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र नेता’ होगा, जिसका निर्वाचन आयोग को आदेश अगले आदेश तक जारी रहेगा। महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने 15 फरवरी को कहा था कि अजिता पेरे के नेतृत्व वाला राकांपा गुट ही असली राकांपा है और संविधान में दलबदल राकांपा गुट का इस्तेमाल आंतरिक असंतोष को भड़काने के लिए नहीं किया जा सकता है।
शरद पवार ने कांग्रेस से निष्कासन के बाद 1999 में पूर्वनोम राष्ट्रपति पी संगमा और तारिक बयासी के साथ मिलकर राकांपा की स्थापना की थी। पिछले साल जुलाई में अजित पवार ने राकांपा के अधिकांश शेयरधारकों से मुलाकात की थी और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली भाजपा-शिवसेना सरकार को समर्थन दिया था।