उत्तर प्रदेश

खाद असली है या नकली! इस आसान तरीके से किसान कर सकते हैं पहचान, मछली में होगी बंपर निर्माण

बज़: मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाने और बीज से अच्छा उत्पादन देने के लिए क्रैडिटिनल महत्वपूर्ण रोल अदा करते हैं, लेकिन कई बार किसान अधिक मात्रा में क्रैटिवा का उपयोग करते हैं। कई बार किसानों को आँकड़े दिए जाते हैं, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति तो ख़राब होती ही है, लेकिन उत्पादन पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। ऐसे में जरूरी है कि किसान मानक समय कुछ खास बातों का ध्यान रखें।

कृषि अधिकारी ने दी जानकारी
जिला कृषि पदाधिकारी विकास किशोर ने बताया कि किसानों को समय-समय पर मंडियों में खरीदारी करनी चाहिए, जिस दुकान से वे मंडियों में खरीद कर रहे हैं। वह दुकान पंजीकृत हो. विशिष्ट मौलिक समय किसान साथियों से रसीद भी प्राप्त कर लें। ऐसे में अगर किसी किसान को नवीनतम नामांकन मिलता है, तो वह विभाग में शिकायत दर्ज करा सकता है।

सुपर फास्फेट की पहचान कैसे करें
अगर किसान सुपर फास्फेट खरीद रहे हैं, तो वह समय-समय पर असली और नकली की पहचान कर सकते हैं। सुपर फास्फेट के दाने सख्त रंग भूरा, काला और बादामी होता है। नक़ल की मदद से नहीं किया जा सकता। इस दानेदार असाधारण को अगर गर्म किया जाए, तो उसका दाना फूलता नहीं है। जबकि डीएपी और अन्य कॉम्प्लेक्स के दाना हॉट तवे पर फूल लगाए जाते हैं।

तीन ग्रेड में आता है वैज्ञानिको
डेवलपमेंट टीनएजर ने बताया कि स्टोसिट 3 ग्रेड में स्टोमेट (सिंगल सुपर साइकोइड), पिज्जा (डबल सुपर साइकोइड) और टीएसपी (ट्रिपल सुपर साइकोइड) के रूप में आता है। कृषक दलहन और तिलहन की फसल के लिए बेहद ही खतरनाक होता है, क्योंकि इसमें सूक्ष्म पोषक तत्त्व भी पाए जाते हैं, जो कृषक की योग्यता को पकड़ता है और आयुध में स्वास्थ्य में भी सुधार करता है। सिंगल सुपर फास्फेट में 16 प्रतिशत, डबल सुपर फास्फेट में 32 प्रतिशत और ट्रिपल सुपर फास्फेट में 48 प्रतिशत पौधे मिलते हैं।

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