जम्मू और कश्मीर

‘जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में बनाया जा रहा इतिहास’, लंबी कतारें देख गदगद मुख्य इलेक्ट्रॉनिक्स आयुक्त

भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) के मुख्य सचिव राजीव कुमार ने रविवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में ”इतिहास” रचा जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिन स्थानों पर कभी डेमोक्रेटिक प्रक्रिया के बहिष्कार का प्रस्ताव रखा गया था, वहां आज मतदान आवेदन के बाहर लोग लंबी कतारों में रखे गए हैं। केंद्रशासित प्रदेश में दूसरे चरण के चुनाव में बुधवार को 26वें क्षेत्र में हो रहे मतदान के बीच कुमार ने यहां कहा कि इस चरण का शत-प्रतिशत सोसायटी सोसायटी भर्ती हो रहा है और कोई भी वोट के लिए वोट करने वाले युवाओं को देख सकता है। , महिलाएं, बुजुर्ग क़तारों में शामिल हैं और अपनी बारी का धैर्य के साथ इंतजार कर रहे हैं।

मुख्य कमिश्नर कमिश्नर ने अपने सहयोगी कमिश्नर ज्ञानेश कुमार एवं सुखबीर सिंह संधू की उपस्थिति में कहा, ”यह लोकतंत्र का पर्व है। संयुक्त राष्ट्र में मतदान हो रहा है जहां पहले मतदान नहीं हुआ था… अतीत में रूकावट को बढ़ावा देने और बहिष्कार करने का आह्वान किया गया था…। यह (वर्तमान वोट) लोकतंत्र का सम्मान है।”

चुनाव प्रक्रिया में जापान की उत्साहपूर्ण भागीदारी की सराहना करते हुए कुमार ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में इतिहास रच-बस रहा है और इसका प्रभाव लंबे समय तक महसूस किया जाएगा।

बता दें कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में पिछली बार नवंबर-दिसंबर 2014 में चुनाव हुए थे, जब यह राज्य का निर्धारण था। ये चुनाव जम्मू और कश्मीर विधानसभा के लिए थे। हालाँकि, 2019 में स्केच 370 को हटा दिए जाने के बाद जम्मू और कश्मीर का विशेष राज्य समाप्त कर दिया गया था और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों, जम्मू-कश्मीर और आतंकवादियों में विभाजित कर दिया गया था। इसके बाद वहां विधानसभा चुनाव नहीं हुए।

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