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अक्षय शिंदे हिंदु…फिर भी त्रैमासिक बमों का संशोधनपुर रेप केस के मूल निवासी का शव? आसपास के कब्रगाहों का खंडन – बदलापुर रेप केस के आरोपी अक्षय शिंदे हिंदू, तो उनके शव को क्यों दफनाया जाएगा, जलाया नहीं, जानिए वजह

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पुलिस की बमबारी में मारा गया था बदलापुर रेप केश का अक्षय ऊर्जा भंडारमृतक के पिता ने बॉमडेब कोर्ट में दस्तावेज दाखिल कर जांच की मांग की हैशिंदे के शव को दफनाने के लिए पुलिस को जगह की तलाश करने के लिए अदालत के निर्देश

मुंबई. बॉमडे कोर्ट ने शुक्रवार को पुलिस को अंबेडकरपुर रेप केस के मलबे अक्षय शिंदे के शव को निर्वासन या सुनसन स्थान की पहचान करने का निर्देश दिया। इस सप्ताह की शुरुआत में कथित तौर पर नाबालिग शिंदे पर पुलिस की जवाबी कार्रवाई में हमला किया गया था। जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस मूल्य साठाये की पीठ ने कहा कि एक बार जगह की पहचान हो जाने पर पुलिस शिंदे के अवशेषों को इसकी सूचना दे दी गई, ताकि शव को दफनाया जा सके। अक्षय शिंदे हिंदु और उनके परिवार में कार्टून की स्थापना नहीं हुई है। इसके बावजूद उनके माता-पिता के शव का विमोचन करना चाहते हैं? बॉम्डबे हाइकोर्ट में समीक्षा के दौरान अक्षय के पिता के वकील ने खुलासा किया है।

अक्षय शिंदे के परिवार के वकील का कहना है कि वह शव को केवल इसलिए दफना रहे हैं, ताकि भविष्य में शव को निकालने का विकल्प बनाया जा सके। उनके समुदाय के सभी वरिष्ठ सदस्यों ने खुद कहा है कि ऐसी कोई भागीदारी नहीं है। बॉम्बे कोर्ट की याचिका में हालांकि कहा गया कि समुदाय यह तय नहीं करेगा कि माता-पिता क्या चाहते हैं। उच्च न्यायालय ने कहा, ‘किसी को भी निर्णय लेने का अधिकार नहीं है। ये माता-पिता को तय करना है।’ उच्च न्यायालय ने अभियोजन पक्ष की ओर से इस मामले को खारिज कर दिया कि शिंदे के समुदाय में वस्तुओं को दफनाने की कोई प्रथा नहीं है और इसमें उनके माता-पिता की इच्छा बताई गई है। बता दें कि अक्षय शिंदे के पिता ने अपने बेटे के शव का अंतिम संस्कार करने के लिए जिस स्थान पर जाने की योजना बनाई थी, उसे शुक्रवार को उच्च न्यायालय में पेश किया गया था। परिवार ने दावा किया था कि शिंदे ने दाह संस्कार के बजाय पुनर्जन्म की इच्छा जताई थी। शिंदे का शव थाने के कलवा इलाके में एक नगर निकाय के अस्पताल के शवगृह में रखा गया है।

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पिता दार-डर भटके, नहीं मिली जगह
अक्षय शिंदे के पिता ने दावा किया कि उन्होंने अपने बेटे का शव किसी जगह नहीं खोजा। सरकारी वकील हितेन वेनेगांवकर ने अदालत को बताया कि अांबालापुर और पड़ोसी क्षेत्र के सभी कब्रिस्तानों ने शिंदे के शव को दफनाने से इनकार कर दिया है और इसका विरोध किया है। वेनेगांवकर ने उच्च न्यायालय को निर्देश दिया कि पुलिस शव को निर्जन स्थान की पहचान करने के लिए कदम उठाएगा। उन्होंने कहा कि पुलिस का यह भी पुख्ता सबूत है कि कोई अप्रिय घटना घटती नहीं. वेनेगांवकर ने कहा, ‘परिवार को इस बारे में सूचित किया जाएगा, लेकिन उन्हें कोई कार्यक्रम बनाने की जरूरत नहीं है।’ परिवार के सदस्यों को पुलिस कर्मियों के साथ (दाने की जगह पर) ले जाया जाएगा।’ प्रियंका ने इस सबमिशन को स्वीकार कर लिया और 30 सितंबर को केस की सुनवाई के लिए मंजूरी दे दी।

‘माता-पिता को तय करना है’
वेनेगांवकर ने दावा किया कि पुलिस ने पूछताछ की तो पता चला कि अक्षय शिंदे के कम्यूनिटी में कोई प्रवेश नहीं है। उन्होंने कहा, ‘हमारी जांच में पता चला कि कैनेडी की ऐसी कोई परंपरा नहीं है। परिवार के वकील का कहना है कि वे केवल स्वर्गवासी हो रहे हैं, ताकि भविष्य में शव को निकालने का विकल्प बनाया जा सके। उनके समुदाय के सभी वरिष्ठ सदस्यों ने खुद कहा है कि ऐसी कोई भागीदारी नहीं है।’ हालांकि पीठ ने कहा कि समुदाय यह तय नहीं करेगा कि माता-पिता क्या चाहते हैं। उच्च न्यायालय की याचिका में कहा गया, ‘किसी को भी निर्णय लेने का अधिकार नहीं है। ये माता-पिता को तय करना है।’ अक्षय शिंदे के पिता के वकील अमित अख्तरनवारे ने अदालत को बताया कि गुरुवार को परिवार ने एक जगह की पहचान कर ली थी और अंबरनाथ नगर परिषद से भी अनुमति नहीं ली गई थी। कतरनवारे ने कहा कि अंबरनाथ नगर परिषद के सीईओ ने कोई जानकारी नहीं दी. उन्होंने आरोप लगाया कि परिवार को धमकियां मिल रही हैं। इस अदालत ने कहा कि वे पुलिस में शिकायत दर्ज करा सकते हैं और पुलिस इस पर गौर कर सकती है।

दो खूबसूरत अभिनेत्रियों का आरोप
वेनेगांवकर ने कहा कि पुलिस परिवार और उनके आवास पर नजर रखी जा रही है और यह सुनिश्चित किया गया है कि कानून-व्यवस्था की कोई समस्या नहीं है या कोई अप्रिय घटना घटे। बता दें कि पिछले महीने ठाणे जिले के बदलापुर शहर के एक स्कूल में दो लड़कियों से यौन संबंध बनाने के आरोप में 24 वर्षीय शिंदे को गिरफ्तार किया गया था। इस सप्ताह की शुरुआत में अक्षय की दूसरी पत्नी की याचिका पर उनके खिलाफ दर्ज एक केस के प्रस्ताव में उन्हें तलोजा जेल से बदलापुर ले जाया गया था। कथित तौर पर उसी दौरान पुलिस की फायरिंग में वह घायल हो गया। यह घटना सोमवार शाम ठाणे में मुंब्रा हाथी के पास हुई, जब शिंदे ने कथित तौर पर एक डीलर की बंदूक छीन ली थी।

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