यहां ऐसे हैं महात्मा गांधी और नेहरू के अस्थि कलश, देखने के लिए यहां
निर्मल कुमार राजपूत/मथुरा: उत्तर प्रदेश के मथुरा के राजकीय संग्रहालय में दो महापुरुषों के अस्थि कलश आज भी सुरक्षित हैं। ये अस्थि कलश सार्वजनिक रूप से संग्रहालय में दर्शाए गए हैं ताकि लोग उन्हें आकर्षण, उनके दर्शन कर आकर्षण और उनके बारे में जानकारी प्राप्त कर सकें। आइए जानते हैं कि ये अस्थि कलश किन महापुरुषों के हैं और कृप्या मथुरा में पहली बार लाए गए थे।
महात्मा गाँधी की अस्थियाँ
महात्मा गांधी की मृत्यु के बाद 12 फरवरी 1948 को उनका अस्थि कलश मथुरा में लावारिस हो गया। मथुरा का राजकीय संग्रहालय, जो कि मथुरा के प्राचीन खड्गों को संजोए हुए है, इन अस्थि कलशों को चित्रित करने वाला एक महत्वपूर्ण स्थल है। सरकारी संग्रहालय की गैलरी के सहायक हरि बाबू ने लोकल 18 को बताया कि ये अस्थि कलश महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के हैं। महात्मा गांधी के अस्थि कलश और मथुरा के विश्राम घाट पर विसर्जित किया गया था, बाद में इसे संग्रहालय में सार्वजनिक रूप से रखा गया ताकि लोग इसे सहजता और उनके जीवन और कार्य के बारे में जान सकें।
नेहरू जी का अस्थि कलश
इसके साथ ही, संग्रहालय में भारत के पहले प्रधानमंत्री नेहरू का भी अस्थि कलश रखा गया है। यह संग्रहालय मथुरा के इतिहास और महान विभूतियों की स्मृतियों को संजोने में एक महत्वपूर्ण स्थान है। 1970 में, महात्मा गांधी की अस्थियों के खाली कलश को संग्रहालय में सुरक्षित रूप से रखवा दिया गया, जिससे लोग उनके जीवन के ऐतिहासिक संदर्भों से परिचित हो सकें।
संग्रहालय की सार्वजनिक प्रदर्शनी
मथुरा के सरकारी संग्रहालय में इन दोनों महापुरुषों के अस्थि कलशों को सार्वजनिक रूप से चित्रित किया गया है। हर दिन सैकड़ों लोग संग्रहालयों का दौरा करते हैं और इन कलशों में महापुरुषों के जीवन और उनके योगदान के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं।
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पहले प्रकाशित : 1 अक्टूबर, 2024, 13:39 IST