Sebi announces six key changes to curb speculation in derivatives future and option trading निवेशकों के लिए बड़ी खबर, सेबी ने डेरिवेटिव ट्रेडिंग स्ट्रक्चर में किए 6 बड़े बदलाव, बिज़नेस न्यूज़
सेबी ने F&O नियम सख्त किये: भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने पर्सनल ट्रेडर्स के बढ़ते घाटे की चिंताओं के बीच डेरिवेटिव ट्रेडिंग स्ट्रक्चर में 6 प्रमुख बदलावों की घोषणा की। इसके तहत कॉन्ट्रैक्ट का साइज मौजूदा 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 15 लाख रुपये कर दिया गया है। वहीं, मार्जिन की जरूरत बढ़ाने के अलावा खरीदारों से ऑप्शन प्रीमियम एडवांस में लेने के उपाय भी शामिल हैं। वीकली सैटलमेंट प्रति एक्सचेंज एक बेंचमार्क तक सीमित करने की भी योजना है। सेबी के नए बदलाव में पोजीशन लिमिट पर इंट्राडे के आधार पर नजर रखने और सैटलमेंट के दिन के लिए अलग कैलेंडर की व्यवस्था खत्म करने के उपाय किए गए हैं।
बड़े नुकसान के आंकड़े
सेबी के एक हालिया अध्ययन में सामने आया था कि एक करोड़ से अधिक व्यक्तिगत F&O ट्रेडर्स में से 93 प्रतिशत को वित्त वर्ष 2021-22 से वित्त वर्ष 2023-24 तक तीन वर्षों में प्रति ट्रेडर करीब 2 लाख रुपये का औसत नुकसान हुआ। वित्त वर्ष 2021-22 और वित्त वर्ष 2023-24 के बीच तीन साल की अवधि में व्यक्तिगत व्यापारियों का कुल घाटा 1.8 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया। रिपोर्ट में F&O में घाटे में चल रहे व्यक्तिगत निवेशकों की संख्या में वृद्धि पर फोकस किया गया।
माधवी बुच ने भी किया था जिक्र
बता दें कि बीते दिनों सेबी की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच ने बताया था कि बाजार के एफएंडओ कैटेगरी में शिरकत करने से देश के परिवारों को साल भर में 60,000 करोड़ रुपये तक का नुकसान उठाना पड़ रहा है। बुच ने कहा था- अगर एफएंडओ कैटेगरी में हर साल 50,000-60,000 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है तो यह व्यापक मुद्दा क्यों नहीं है? यह राशि आने वाले आईपीओ, म्यूचुअल फंड या अन्य उत्पादक उद्देश्यों के लिए लगाई जा सकती थी। इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी कई मौके पर एफएंडओ ट्रेडिंग को लेकर चिंता जाहिर की थी।