मध्यप्रदेश

नवरात्रि 2024 दिन 2: ऐसे करें मां ब्रह्मचारिणी की पूजा, आचार्य से जानें सही विधि, भोग और मंत्र

मुग़ल. शारदीय नवरात्रि प्रारंभ हो चुकी है। सनातन धर्म में नवरात्रि पर्व का विशेष महत्व है। नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की 9 सैद्धांतिक विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है। मान्यता है कि नवरात्रि के दिनों में भगवती मां दुर्गा पूरे नौ दिन तक धरती पर अपने भक्तों को आशीर्वाद देती हैं। इस साल शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर से शुरू हो रही है। मज़हबी के पंडित आनंद भारद्वाज ने बताया कि नवरात्रि के दूसरे दिन किस देवी की पूजा की जाए और कौन सा भोग लगाया जाए।

माँ ब्रह्मचारिणी के नाम का अर्थ है- ‘ब्रह्म’ यानि तप और ‘चारिणी’ यानि आचरण करने वाली। अर्थात्, माँ ब्रह्मचारिणी तप का आचरण करने वाली आदि स्रोत शक्तियाँ हैं। माँ ब्रह्मचारिणी सदैव शांत और संसार से विरक्त तपस्या में लीन रहती हैं। कठोर के ताप का कारण मुख पर अद्भुत तेज होता है। मां के हाथों में अक्षर माला और कमंडल होता है, और साक्षात ब्रह्म का स्वरूप माना जाता है। माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से सहज ही सिद्धि प्राप्त होती है।

कैसे पेड नाम ब्रह्मचारिणी?
मां ब्रह्मचारिणी ने भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की थी, और इसी कारण से उनका नाम ‘ब्रह्मचारिणी’ पड़ गया। नवरात्रि के दूसरे दिन देवी के समान स्वरूप की पूजा की जाती है। साधना और उपासना से जीवन की हर समस्या और संकट दूर हो जाते हैं। विद्यार्थियों के लिए मां ब्रह्मचारिणी की पूजा से बहुत ही फल मिलता है।

इन मंत्रों का जाप जरूर करें

  • या देवी सर्वभूतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
  • दधाना कपाभ्यामक्षमालाकमण्डलू। देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।
  • ह्रीं श्री अम्बिकायै नम:।

अवश्य ही माँ ब्रह्मचारिणी को यह भोग लगाना चाहिए
नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की विधि पढ़ें और उन्हें चीनी या गुड़ का भोग लगाएं। माँ ब्रह्मचारिणी को चीनी या गुड़ निकर से मुक्ति का संकट दूर हो जाता है, और साथ ही माता रानी दीर्घायु का आशीर्वाद भी देती हैं।

टैग: धर्म आस्था, नवीनतम हिंदी समाचार, स्थानीय18, एमपी न्यूज़, नवरात्रि उत्सव, उज्‍जैन समाचार

अस्वीकरण: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्यों और आचार्यों से बात करके लिखी गई है। कोई भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि संयोग ही है। ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है। बताई गई किसी भी बात का लोकल-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *