जम्मू-कश्मीर में किंगमेकर इंजीनियर रैसिड? एनसी और कांग्रेस गठबंधन पर कहा- कल देखा
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव का परिणाम मंगलवार 8 अक्टूबर को आने वाला है। दोपहर 8 बजे से शुरू होगी और इसी के साथ शुरुआती रुझान भी शुरू हो जाएंगे। 90 विधानसभा क्षेत्रों वाले केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर को लेकर एक दिन पहले आए एक्जिट पोल में ऐसा दावा किया जा रहा है कि यहां त्रिशंकु सरकार बन सकती है। किसी भी दल को बहुमत नहीं मिल रहा है, हालांकि इंडिया अलायंस के घटक दल में सरकार बनाने के आसार जरूर दिख रहे हैं, लेकिन मतंगना के बाद ही यह तस्वीर साफ हो गई। एक साक्षात्कार में बारामूला मिनिस्टर इंजीनियर रशीद खान ने खुलासा किया कि अगर उनके पास किंग मेकर बनने का मौका आता है तो वो किस ओर जाएंगे।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के नतीजों से पहले ही पीएचडी आश्रम की ओर से अपना-अपना दावा सामने आ गया है। साथ ही राजनीतिक नाटकों को आकर्षित करने के प्रयास में लग गए हैं। इस बीच बारामूला के मिनिएचर इंजीनियर रशीद भी सामने आए हैं। उन्होंने इस संभावना को सिरे से खारिज कर दिया कि जम्मू-कश्मीर में नई सरकार के लिए किंगमेकर की भूमिका फिट नहीं होगी। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक के बाद स्थिति का आकलन किया जाएगा और हम उसी पाले में जाएंगे, जहां हमें लगे कि उस सरकार के होने से जम्मू-कश्मीर में शांति और सुरक्षा स्थापित हो सकती है।
कल देखा है
आजतक के साक्षात्कार में जब रशीद से पूछा गया कि वोट पोल कह रहे हैं कि एनसी और कांग्रेस अच्छे कर रहे हैं और सरकार बना सकते हैं। इस राशिद ने कहा कि सरकार बनाना कोई बड़ा काम नहीं है, पांच मिनट का काम है। जरूरी यह है कि मैं सांसद बनूं, विधायक बनूं। जरूरी यह है कि जम्मू-कश्मीर में आने वाली सरकार शांति और सुरक्षा का माहौल बनाए रखे। रसीद से अगला सवाल किया गया कि अगर एनसी और कांग्रेस गठबंधन अपने करीबी सहयोगी के लिए जाते हैं तो… जवाब में रसीद ने कहा- कल देखा है, कल जब आओ तो देखना…।
तृतीय से पहले पांच मनोनीत नाम राशि पर
भाजपा नेताओं द्वारा मातृभाषा से पहले एलजीबीटी द्वारा मनोनीत पांच लाख के नाम बताने के बाद केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक मतभेद पैदा हो गया है। कांग्रेस और कई रिपब्लिकन दल इसे गलत करार दे रहे हैं। इस पर इंजीनियर रशीद ने कहा कि अगर आप कहेंगे कि आपने 370 खत्म कर दिया है। तो मोदीजी यह खुद ही अपोज़ कर रहे हैं। जब आप देश में कहीं भी ऐसा नहीं कर रहे हैं तो जम्मू-कश्मीर से स्पेशल स्टेटस ही हटा लिया गया है तो ऐसा करने की नौबत ही क्यों आ रही है। रसीद ने आगे कहा कि ये नेता वोट देंगे या नहीं, या इससे भी ज्यादा ये नेता किसी भी दल के हैं। ये बात है कि जब मोदीजी कहते हैं कि देश में एक संविधान, एक वोट, एक चुनाव लागू हो तो जम्मू-कश्मीर में ये सब क्यों हो रहा है?
एकेलिट पोल क्या कह रहे हैं?
जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र सर्वेक्षण में किसी भी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिल रहा है। डेली भास्कर के एनोटेट पोल के अनुसार, नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी)-कांग्रेस गठबंधन को 35-40 सीटें मिल सकती हैं। भाजपा को 20-25 प्रतिशत मिल सकते हैं। 12-16 के साथ, प्रतियोगी डेमोक्रेटिक डेमोक्रेटिक पार्टी (पीआईपी) से आगे निकल सकते हैं। पीआईपी को 4-7 ग्रेड मिल सकते हैं। गुलस्टीनिट पोल में एनसी-कांग्रेस गठबंधन को 31-36 प्रतिभागियों और भाजपा को 28-30 प्रतिभागियों को मिलने का अनुमान है। इसमें इंडिपेंडेंट एबिएंट के लिए ‘किंगमेकर’ की भूमिका का संकेत दिया गया है। उन्हें 19-23 बेस्ड मिल हो सकते हैं और पीआईपी को 5-7 बेस्ड मिल्स हो सकते हैं। सी-वोटर सर्वे में एनसी-कांग्रेस गठबंधन को 30-48 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है, जबकि बीजेपी को 27-32 सीटें मिल सकती हैं। पीआईपी को 6-12 बेस्ड मिल हो सकते हैं, जबकि पीडीपी को 6-11 बेस्ड मिल्स हो सकते हैं।