मध्यप्रदेश

सफलता की कहानी: छठवीं क्लास में फेल, फिर आईआईटी से पढ़ाई, गांव के लड़के ने खड़ी कर दी करोड़ों की कंपनी

सफलता की कहानी, ज़ोमैटो के सीईओ दीपिंदर गोयल: पंजाब के एक छोटे से गांव से निकला यह लड़का पढ़ाई में मन नहीं लगा पाया। एक समय ऐसा भी आया जब वह छठी क्लास में फेल हो गई, लेकिन बाद में उसने अपनी मेहनत के दम पर एक प्रतिष्ठित संस्था में प्रवेश पाया और जब वहां से निकली, तो एक नौकरी शुरू कर दी। फिर दोस्त के साथ मिलकर ऐसा काम किया कि लोग मिक्स ले लीजिए। आज वह 1.40 लाख करोड़ की कंपनी के मालिक हैं।

ये कहानी है जोमैटो के सीईओ दीपिंदर गोयल की. दीपिंदर गोयल इन दिनों काफी चर्चा में हैं, क्योंकि हाल ही में वह अपनी पत्नी के साथ एक दिन के लिए फूड स्टूडियो, एजेंट के ऑर्डर पर निकले थे। इसी दौरान उन्होंने देखा कि खाद्य पदार्थ बेचने वाले एजेंटों के रिश्तेदारों की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। दीपिंदर गोयल का जनामा ​​पंजाब के मुक्तसर में हुआ था। उनके माता-पिता शिक्षक थे और वे एक साधारण परिवार से आये थे। उनका पढ़ाई में मन नहीं लग रहा था और वह छठी कक्षा में फेल हो गए थे, लेकिन अपनी मेहनत के दम पर उन्होंने चंडीगढ़ के डेव कॉलेज से बारहवीं तक की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद, वर्ष 2001 में उनका चयन भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली में हो गया, जहां उन्होंने गणित और छात्रों से बीटेक किया। कोर्स होने के बाद उन्होंने दिल्ली की एक कंपनी में नौकरी शुरू की।

नौकरी के दौरान आया मेडिकल
दीपिंदर जब नौकरी कर रहे थे, उसी दौरान उनके ऑफिस में इंटरव्यूअर और मेन्यू को लेकर चर्चा की गई थी। यही चर्चा उनके दिमाग में डेयरी डेयरी ऐप का लेकर आई। इसके बाद, उन्होंने साल 2008 में नौकरी छोड़ो अपना बिजनेस शुरू करने का फैसला किया और पंकज चन्ना के साथ मिलकर अपना फूड प्लान ‘फूडीबे’ (फूडीबे) शुरू किया। हालाँकि, 2010 में ग़रीब का नाम जो मैटामेटो रखा गया था।

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2200 करोड़ के मालिक बने दीपिंदर
दीपिंदर ने जोमैटो के अलावा कई अन्य कंपनियों में भी निवेश किया है। उन्होंने जोमैटो फ़्यूचर फ़ाउंडेशन की स्थापना के लिए अपने स्टोर कॉलेज के किड्स एजुकेशन के लिए 700 करोड़ रुपये के स्टॉक दान किए हैं। मीडिया सिद्धांत के मुताबिक, दीपेंद्र गोयल की नेटवर्थ 2200 करोड़ रुपये से ज्यादा है।

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