शरद ऋतु के पक्ष में नवीन की 50 प्रतिशत सीमा समाप्त करने की आवश्यकता क्यों बताई गई
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में मराठा कोटा मामले में फिर से तूल पकड़ लिया गया है। इस पर लंबे समय बाद गर्लफ्रेंड-सपा के नेता शरद पवार ने अपनी शैलियां तोड़ी हैं। उन्होंने कहा कि राज्यव्यापी समुदाय को आवंटित किया जाना चाहिए और इसमें कुछ भी गलत नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य में किसी भी अन्य समुदाय को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए। यह कोटा अलग से होना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसा तभी संभव हो सकता है, जब न्यूट्रिशन की 50 फीसदी की सीमा खत्म हो जाए. इसके लिए कानून को बदलना होगा।
शरद पवार ने कहा, ‘हर किसी की यही भावना है कि उसे नया होना चाहिए।’ इसमें कुछ भी ग़लत नहीं है। लेकिन ऐसे समय में इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उन लोगों की शक्तियों पर कोई प्रभाव न पड़े, जिसमें अपरिपक्व विशिष्ट का लाभ मिल रहा हो। इसे किसी भी तरह का नुकसान नहीं होना चाहिए। नैतिकता की परिभाषा के अनुसार इसकी सीमा 50 बेडरूम से अधिक नहीं होनी चाहिए। अब अगर इसे 50 फीसदी से ज्यादा करना है तो कानून में बदलाव करना होगा।’ इसी तरह शरद पवार ने भी एक तरह से कांग्रेस और राहुल गांधी के ही स्टैंड का समर्थन किया है, जिसके तहत वह कोटे की 50 प्रतिशत सीमा को ही खत्म करने की मांग कर रहे हैं।
इस दौरान शरद शरद ने असेंबली इलेक्शन के लिए सीट फ्रेंड पर भी बात की। उन्होंने कहा कि मैं बैठकर शेयरिंग पर चर्चा में शामिल नहीं हूं। हमारी तरफ से ये काम जयन्त पाटिल कर रहे हैं। आप लोगों से यही पूछना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस बार भी हमारे बीच में कोई विवाद नहीं होगा। उन्होंने कहा कि सामूहिक चुनाव लड़ने की हमारी पूरी तैयारी है। यही नहीं मोदी के मुख्य न्यायाधीश के यहां गणेश पूजा में जाने को भी उन्होंने किसी भी अपमान से खारिज कर दिया। शरद रावण ने रचनाकारों से अलग राय रखते हुए कहा कि वे दोनों शीर्ष पर हैं। वे कहते हैं कि आप में एक संस्था मौजूद है और हर किसी की जिम्मेदारी है कि उसकी गरिमा बरकरार रखी जाए।