महाराष्ट्र में सीटिंग शेयरिंग पर एमवीए में नहीं बन रही बात, कांग्रेस में फंस रही है पेच? चुनाव का बहिष्कार
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि कांग्रेस और बीजेपी के बीच एक बड़ा संघर्ष चल रहा है। यह संघर्ष इस बात को लेकर है कि किस विधानसभा चुनाव में कौन सी पार्टी अधिक चुनावी मैदान में उतरेगी।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए महाविकास अघाड़ी गठबंधन में बातचीत अटकले दिखाई दे रही है। इसकी जड़ में कांग्रेस की अधिक प्राथमिक मांग है। मामले की जानकारी रखने वाले दस्तावेज के मुताबिक कांग्रेस इस साल की शुरुआत में लोकसभा चुनाव में अच्छे प्रदर्शन की मांग कर रही है। यहां महाविकास अघाड़ी गठबंधन के प्रमुख दल कांग्रेस, सेना (यूबीटी) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) हैं। दो वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने कहा कि चुनाव के बाद तीन सहयोगियों की पार्टी के आराम का गणित बदल गया है। महाराष्ट्र में कांग्रेस ने 17वीं बार चुनाव लड़ा था और 13वीं बार जीत हासिल की थी। वहीं, कंचन (एसपी) ने 10 में से आठ और बीजेपी (यूबीटी) ने 21 में से 9 में प्रवेश किया।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि कांग्रेस और बीजेपी के बीच एक बड़ा संघर्ष चल रहा है। यह संघर्ष इस बात को लेकर है कि किस विधानसभा चुनाव में कौन सी पार्टी अधिक चुनावी मैदान में उतरेगी। कांग्रेस नेताओं ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि हमारे तीन सहयोगियों में हमारा स्ट्राइक रेट और टैली सबसे अच्छा है। पोर्टफोलियो का बंटवारा इसलिए भी अहम है क्योंकि इससे यह भी तय होगा कि मुख्यमंत्री का पद किस पार्टी के पास रहेगा। महाराष्ट्र में कुल 288 विधानसभाएं शामिल हैं और यहां नवंबर में चुनाव होने वाला है।
कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि तीन सहयोगी पार्टियों के बीच दोस्ती पर चर्चा कर रही हैं। इस दौरान खाश कारकों का भी ध्यान रखा जा रहा है। कांग्रेस के नेता का कहना है कि उनकी पार्टी को 115-120 की यात्रा मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘नोमोसेक्सुअल इलेक्शन से ही यह स्पष्ट है कि महाराष्ट्र में बीजेपी (यूबीटी) का पार्टिसिपेशन कम हुआ है। ऐसे में समर्थक कार्यकर्ता 2019 में सभी 56 पार्टी पर दावा नहीं कर सकते क्योंकि बड़ी संख्या में नेता शिंदे गुट में भी चले गए हैं।
हालाँकि इस मामले में बीजेपी (यूबीटी) की तरफ से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। पार्टी के कुछ अंशों पर दावा-प्रतिदावे चल रहे हैं। हालांकि उन्होंने इस बात की उम्मीद की थी कि दशहरा से पहले सीट शेयरिंग को लेकर चीजें तय हो जाएं। बता दें कि 2019 के विधानसभा चुनाव में अविभाजित विपक्ष ने 56 मंदिर का उद्घाटन किया था। वहीं, कांग्रेस ने 44 और अविभाजित राजकुमारी ने 54 मंडप बनाए।
कांग्रेस नेता ने कहा कि उनके सहयोगियों के बीच अभी भी 23 वें सत्र में बातचीत नहीं हुई है, जो उन्होंने 2019 में करीबी अंतर से गंवाया था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सभी 23 रेज़्यूमे पर लड़ने को तैयार है, लेकिन गर्लफ्रेंड और सिपहसालार भी कुछ से 23 रेज़्यूमे पर दावा ठोक रही हैं। मामले की जानकारी अभी तक शीर्ष नेताओं ने लोगों के कहे अनुसार सीट की दूरी की चर्चा से दूरी बना रखी है। कांग्रेस के महाराष्ट्र अध्यक्ष नाना पटोले, यूबीटी के संजय और गर्लफ्रेंड-एसपी के वकील से बातचीत कर रहे हैं। पिछले सप्ताह सोमनाथ (सपा) नेता चौधरी अवध ने कहा था कि एमवी दशहरा तक बात फाइल हो जाएगी।