रतन टाटा न्यूज: जहां से की पढ़ाई, उस कॉलेज में दिए गए हैं सौ करोड़ रुपये, भारतीय छात्रों के लिए शुरू हुई छात्रवृत्ति
रतन टाटा समाचार: अमेरिका की कॉर्नेल यूनिवर्सिटी ने भी रतन टाटा को याद किया, जहां से उन्होंने ग्रेजुएशन की पढ़ाई की थी। बता दें कि रतन टाटा ने अपनी शुरुआती पढ़ाई मुंबई के स्कॉल से की थी, लेकिन आगे की पढ़ाई के लिए वे अमेरिका चले गए। वे महज 17 साल की उम्र में इथाका, न्यूयॉर्क क्षेत्र और वहां न्यूयॉर्क के कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की। दिलचस्प बात यह है कि रतन टाटा इंजीनियर्स इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे, लेकिन उनकी रुचि इसमें बढ़ गई और उन्होंने यहां बैचलर ऑफ ग्रेजुएट्स की डिग्री ली। उन्होंने 1959 में कॉर्नेल यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया और 1962 में दोस्ती का कोर्स पूरा किया।
यूनिवर्सिटी को दिया करोड़ों का दान
रतन टाटा ने बाद में न्यूयॉर्क की कॉर्नेल यूनिवर्सिटी (कॉर्नेल यूनिवर्सिटी) को करोड़ों का दान भी दिया। वर्ष 2008 में टाटा ट्रस्ट की ओर से यूनिवर्सिटी को 50 मिलियन डॉलर का दान दिया गया। आज की तारीख के हिसाब से यह राशि लगभग 374 करोड़ रुपये के आसपास है। कॉर्नेल यूनिवर्सिटी ने अपनी वेबसाइट पर रतन टाटा को याद करते हुए लिखा, “रत्न एन. टाटा 1959 में कॉर्नेल विश्वविद्यालय से स्नातक थे और 1962 में आर्किटेक्चर की डिग्री प्राप्त की थी। वह भारत के सबसे प्रभावशाली और प्रतिष्ठित उद्योगपतियों और समाजसेवियों में से एक थे। वह कॉर्नेल यूनिवर्सिटी के पूर्व ट्रस्टी भी थे और यूनिवर्सिटी के सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय दानदाता भी थे। उन्होंने भारत में ग्रामीण गरीबी और कुपोषण को कम करने के लिए अनुसंधान और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। 2008 में दिए गए 50 मिलियन डॉलर के दान से टाटा-कॉर्नेल इंस्टिट्यूट फॉर एग्रीकल्चर एंड कॉमर्सिशन की स्थापना और भारतीय छात्रों के लिए टाटा स्कॉलरशिप की शुरुआत हुई।
50 मिलियन डॉलर से बना इनोवेशन सेंटर
यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर यह भी बताया गया है कि रतन टाटा की कंपनी कंसल्टेंसी स्टॉक (TCS) ने 2017 में न्यूयॉर्क सिटी के रूजवेल्ट आइलैंड स्थित कॉर्नेल टेक कंपनी में टाटा इनोवेशन सेंटर का निर्माण कर 50 मिलियन डॉलर का निवेश किया था। यूनिवर्सिटी ने लिखा, ‘रत्न टाटा ने भारत, विश्व भर और कॉर्नेल में एक विशिष्ट विरासत छोड़ी है, जिसे वे काफी महत्वपूर्ण मानते हैं।’
कॉर्नेल यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट माइकल आई. कोटलिकॉफ़ ने कहा, ‘रत्न टाटा का शांत स्वभाव और स्मारक की महान रचना थी। उनकी उदारता और अध्ययन के प्रति चिंता ने एक शोध और अध्ययन को संभव बनाया, भारत और अन्य लाखों लोगों की शिक्षा और स्वास्थ्य में सुधार हुआ।’
यूनिवर्सिटी ने यह भी बताया कि रतन टाटा ने कॉर्नेल में अपने परिवार के करीबी दोस्तों के प्रोत्साहन के लिए नामांकन लिया था। 1959 में रतन टाटा मैकेनिकल इंजीनियरिंग की योजना बनाई गई थी, लेकिन दो साल बाद उन्होंने अपना मुख्य विषय चुना। 2014-19 के दौरान, रतन टाटा ने प्रतिष्ठित प्रित्ज़कर सुपरस्टार पुरस्कार की जूरी में भी संगीत कार्यक्रम आयोजित किया, जिसे तारामंडल के क्षेत्र का सबसे बड़ा सम्मान माना जाता है। रतन टाटा ने अपनी कई व्यावसायिक सफलताओं का श्रेय कॉर्नेल में मिली फ्रेंड्स की शिक्षा को भी दिया।
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पहले प्रकाशित : 10 अक्टूबर 2024, 10:37 IST