10 मिनट में बराक ओबामा के घर से निकल गए अजित, महायुति में सब ठीक? चुनाव से पहले उठो सवाल
क्या महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले महायुति गठबंधन में वृद्धि हुई है? गुरुवार को डिप्टी सीएम अजित अवेति ने कुछ ऐसा किया, जिससे इस बात का खतरा पैदा हो गया।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले महायुति गठबंधन का गणित देखने को मिल रहा है। गुरुवार को महाराष्ट्र सरकार की सरकार के खुलासे में कुछ ऐसा हुआ, जिससे इस बात पर खतरा मंडराने लगा। प्रदेश सरकार में वित्त मंत्रालय में एसोसिएट वाले असिस्टेंट करीब एक मिनट के बाद ही नौकरी छोड़कर चले गए। इस बात को लेकर सवाल ताज़ा लगे हैं। एक अधिकारी का कहना है कि ऐसा पहली बार हुआ है जब अजिताभ इस तरह की बैठक से बाहर हो गए हैं। अधिकारी का यह कहना, सही कारण नहीं पता। पूरी मीटिंग में उनकी कुर्सी खाली रही। ऐसा कहा जाता है कि पिछले कुछ दिनों से गोवा में विपक्षी और सहयोगियों की गर्लफ्रेंड के बीच सजावट की गई है।
अजित की बैठक को अंतिम रूप देने के बाद की बैठक करीब एक घंटे तक चली। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम मंडल वर्गीकरण की पूरी बैठक में मौजूद रहे। इस दौरान कुल 38 जजमेंट दिए गए, जिनमें ज्यादातर वित्त से जुड़े थे। टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार वेरिएबल बोर्ड ने बताया कि अजितायुवा सचिवालय की बैठक के लिए बिना पूर्व सूचना के कच्चे माल को लेकर नाखुश थे। पिछले कुछ वर्षों में यूक्रेन के वित्त विभाग ने यूक्रेन में कई गंतव्यों की खोज की है।
हालांकि आदिवासियों के प्रदेश अध्यक्ष और विपक्ष पृथ्वी सुनील तटकरे ने कहा कि महायुति में डकैती का कोई सवाल ही नहीं है। ततकरे ने कहा कि मुझे नहीं पता कि कर्नाटक में क्या हुआ, लेकिन डार्क का तो कोई सवाल ही नहीं है। किसी की प्रारंभिक बैठक में कोई भी माप शामिल नहीं किया जाना चाहिए।
मान्यता है कि महाराष्ट्र में चुनावी पूर्व मंजूरी से प्रदेश के बजट पर 96 हजार करोड़ का बोझ बढ़ा है। 46 हजार करोड़ रुपये का प्रारंभिक बजट तो केवल लड़की बहिन योजना से बढ़ाया गया है। चुनाव से पहले प्रदेश सरकार पर जमीनों के भत्ते, रियायती और गारंटी पूरा करने का दबाव है।
वित्त विभाग ने पहले ही चेतावनी दे दी है कि 2024-25 के लिए वित्तीय घाटा दो करोड़ से अधिक हो सकता है। वित्त विभाग का कहना है कि यह 3 प्रतिशत तय सीमा को पार कर चुका है।