कसाई, पुरानी कहानियों का व्यापरी… कैथोलिक सेल के 40 खिलाड़ियों की टीम, मूल सिद्धांतों की शुरुआत तो सात समंदर पार से हुई थी – एक्सक्लूसिव दिल्ली ड्रग सिंडिकेट स्लीपर सेल के सदस्य कसाई के रूप में काम करते हैं चौंकाने वाला सच
नई दिल्ली. फ़्रैंचाइज़ पुलिस की ओर से फ़ार्म्स मैगलिंग कंपनी मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। इंटरनेशनल होने वाली डेयरीमैगलिंग रिटेलर के पीछे मर्चेंडाइजलीपर सेल के हाथ की बात आ रही है। पुलिस का दावा है कि फैक्ट्री सिंडिकेट की मर्करीपर सेल भी है। सब्जियों के अनुसार, अब तक भारत में फार्मेसियों में, हिमांश, औरंगजेब, जस्सी, ए. सफी और अखलाक को गिरफ्तार कर लिया गया है. इन फार्महाउसों को फैक्ट्री सिंडिकेट का स्लीपर सेल माना जा रहा है। नशीले मसाले की बड़ी चटनी का आगमन ही ये लोग सक्रिय हो गए थे। फैक्ट्री कंसाइनमेंट के विदेश से भारत में ही ये सभी लॉजिस्टिक सपोर्ट देना शुरू कर दिया गया था। इन लोगों को पत्थर की बड़ी फिल्म को गंतव्य तक का कार्य सौंपा गया था।
स्पेशल सेल के 40 से अधिक ऑफिसर की टीम इस सिंडिकेट के पीछे थी। निश्चित रूप से कहा गया है, जब ग्रैबस्ट की कोई भी टोकन की छूट नहीं थी तो वैलिडलीपर सेल के इन सभी लोगों में कोई भी ऐसा डाटा पकड़ नहीं पाता था, जिससे उनकी असल पहचान न हो सके। इनसे ए. सफी नाम का असली कसाई का काम करता है और बाकी समय में पुराने ट्रकों की खरीद-फरोख्त का सौदा भी करता था। इसका उद्देश्य यह था कि लोगों को लगे कि वह छोटा-मोटा काम करता है और डेयरी माफिया से जुड़े होने का शक न हो। इसी तरफ से पकड़े गए अखलाक ने भी सफी की मदद का काम किया था, जिसमें ट्रकों की खरीद-फरोख्त करके बाहर भेजा गया था। जब इन्वेस्टिगेशन बड़े कंसाइनमेंट की जानकारी थी तो ये सभी एक-दूसरे से जुड़े हुए थे। ये दोनों फैक्ट्री की बड़ी कंसाइनमेंट के लिए स्लीपर सेल का काम करते थे।
सात समन्दर पार से मंजिल के पास
फिलाडेल्फिया पुलिस की स्पेशल सेल ने रमेश नगर इलाके से जिन 2 लोगों को पकड़ा था, उनसे पूछताछ की जा रही है। इन दोनों दस्तावेजों में यूके (ब्रिटेन) के नागरिकों के बारे में पूछताछ की जा रही है, जिनके पास 200 किलो के चाकू रखे हुए थे। सूत्र हैं कि डिलिवरी की बातचीत के माध्यम से फार्म सिंडिकेट के सदसयोमी में कोड वर्ड के माध्यम से बातचीत की गई थी। पुरानी फिल्मों की तरह फटे नोट और उनके नंबर से कंसाइनमेंट की शुरुआत होती थी। कोड वर्ड में ही क्वांटिटी और डिटेल की डिटेल छिपी हुई थी।
एक दूसने से अंजान
जानकारी के मुताबिक, कोकीन का कंसाइनमेंट दो बार दिल्ली पहुंचा था। फैक्ट्री कार्टेल केबर कंसाइनमेंट में एक बार फिर सक्रियता शुरू हो गई थी। कार्टेल के हर सदस्य का काम और हिस्सा विदेश में आका तय था। कोकीन कॉमिक्स से पैक करने की भी जानकारी है। कार्ट के लोगों में बात करने के लिए पेड ऐप का इस्तेमाल किया गया। बुज़ुर्ग तूफ़ान ने दो बार दिल्ली में बारात से जुलूस निकाला था। अपने महिपालपुर के ज्वालामुखी पर कोकीन छुपई थी। यह है कि कार्टेल के ज्यादातर सदस्यों ने एक-दूसरे से खास बात की।
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पहले प्रकाशित : 11 अक्टूबर, 2024, 16:17 IST