जम्मू और कश्मीर

उमर अब्दुल्ला ने पेश किया जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने का दावा, एलजी मनोज सिन्हा से की मुलाकात

राष्ट्रीय सम्मेलन के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार शाम को स्कॉटलैंड में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मुलाकात कर जम्मू-कश्मीर में सरकार गठन का दावा पेश किया। उन्होंने राष्ट्रीय सम्मेलन, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, सी.क्यू. (एम) और स्वतंत्र विचारधारा के समर्थन पत्र प्रस्तुत किये। उमर अब्दुल्ला ने उपराज्यपाल से अनुरोध किया है कि शपथ ग्रहण के लिए एक तारीख तय की जाए ताकि समग्र सरकार अपनी नौकरी की शुरुआत कर सके।

जम्मू-कश्मीर के बडगाम और गांदरबल क्षेत्र के लिए चुने गए उमर अब्दुल्ला ने कहा कि शपथ ग्रहण की प्रक्रिया में थोड़ा समय लगेगा, क्योंकि यह सत्ता के हस्तांतरण का मामला नहीं है। उन्होंने कहा, ”जम्मू-कश्मीर अब एक केंद्र शासित प्रदेश है, जिसका मतलब है कि यहां केंद्रीय शासन लागू है। बाद में वापस भेजा गया। हमें बताया गया है कि इसमें लगभग दो से तीन दिन पहले लिखा गया था।”

उल्लेख है कि यह जम्मू-कश्मीर में 2018 के बाद पहली बार रिहायशी सरकार का गठन होगा। 2018 में बीजेपी ने मुख्यमंत्री ओबामा फ्रीी की सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद राज्यपाल शासन लागू कर दिया था। इसके अलावा 370 के अवशेष होने और क्षेत्र में पुनर्निर्धारण के बाद यह पहली आम सरकार होगी।

बता दें कि नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन ने चुनाव में 48 पदयात्राएं की हैं। वहीं बीजेपी ने 29 सीटों पर जीत हासिल की, जिसमें 28 हिंदू और एक सिख सदस्य शामिल हैं, जबकि उनके सभी मुस्लिम दावेदारों को हार का सामना करना पड़ा। जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के 10 साल बाद 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को तीन चरणों का आयोजन हुआ।

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