उत्तर प्रदेश

लखीमपुर समाचार: कम लागत में गुना कई गुना दावा, ऐसे बना सकते हैं भेड़ पालन कर सकते हैं लखपति, जानें रेटिंग से

प्रभात खेड़ी: यूपी के प्रशांत पाल जिले में युवा किसान सूरज करीब 5 पूर्वी से लगातार भेड़ पालन कर रहे हैं। भेड़ पालन से उन्हें उत्तम मानकीय मान्यता भी प्राप्त हो रही है। ग्रामीण इलाकों में लाखों की संख्या में किसान भेड़ पालन कर गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। भेड़ों द्वारा मांस के व्यापार के अलावा ऊन, खाद, दूध, चमड़ा जैसे कई सारे उत्पाद बनाये जाते हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है।

भेड़ों का पालन टैगा जंगल में किया जाता है
यही कारण है कि किसानों के बीच इस व्यवसाय की प्राथमिकता बेहद तेजी से बढ़ रही है। इसके अलावा भेड़ का गोबर भी बहुत अच्छा मानक माना जाता है। इसकी उपयोगिता की जानकारी प्राप्त करें। भेड़ कृषि जनजाति भूमि में चरती हैं और कई समुद्री शैवाल आदि चरागाहों का उपयोग करते हैं, और उंचाई पर स्थित चारागाह जो कि अन्य द्वीपों के समुद्र में स्थित है, उनका उपयोग भी होता है। प्रति वर्ष भेड़ पालक भेड़ों से मेमने प्राप्त होते हैं।

भेड़ पालने वाले किसान ने बताया
किसान सूरज पाल ने लोकल 18 से बातचीत करते हुए बताया कि उनके परिवार में करीब 50 सामी से भेड़ों का पालन किया जा रहा है। वह 5 प्राचीन काल से ही भेड़ पालन कर रहे हैं। इस समय 150 भेड़ पालन कर रहे हैं। 150 भेड़ों से बहुत अच्छा उनका पुनरावलोकन हो रहा है। किसान ने बताया कि वह अपने परिवार का पालन पोषण भेड़ पालन से कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रति वर्ष भेड़ पालन से उन्हें काफी लाभ होता है। साथ ही भेड़पालकों को प्रति वर्ष मेमने भी प्राप्त हो जाते हैं।

कृषि विशेषज्ञ ने दी जानकारी
वहीं, कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि किसान सिर्फ 1 लाख रुपये खर्च करके अपना व्यवसाय शुरू कर सकते हैं। बाजार में एक भेड़ की कीमत 3 से 8 हजार रुपये तक है। भेड़ पालन की शुरुआत आप साल के किसी भी महीने से कर सकते हैं। 20 भेड़ों के लिए 500 स्क्वैयर फ़ुट का शवाधान होता है। यह पेपर आसानी से 30 से 40 हजार रुपये में तैयार किया जा सकता है.

टैग: कृषि, लखीमपुर खीरी समाचार, स्थानीय18

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