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OPINION: बाबर आजम की तरह क्या विराट कोहली को बीसीसीआई कर सकती है बाहर? खराब फॉर्म के बाद भी खुद को समझते रहे फन्ने खां

नई दिल्ली. स्टार क्रिकेटर बाबर आजम की खराब फॉर्म में उनके लिए जी का जंजाल बन गई. इसी के चलते बाबर आजम को पहली बार पाकिस्तान क्रिकेट टीम से बाहर कर दिया गया. पाकिस्तान के पूर्व कप्तान के साथ ये सुलूक होगा, शायद ही किसी ने सोचा हो. लेकिन ऐसा हुआ है. इंग्लैंड के खिलाफ मुल्तान टेस्ट में शर्मनाक हार के बाद पीसीबी ने आनन फानन में नई चयन समिति का गठन किया जिसमें अंपायर अलीम डार को शामिल किया. इस नई चयन समिति ने कड़ा कदम उठाते हुए बाबर जैसे दिग्गज बल्लेबाज को आगामी दो टेस्ट मैचों से बाहर का रास्ता दिखा दिया. दाद देनी होगी पीसीबी की नई चयन समिति की जिसने आते ही अपने तेवर दिखा दिए. सेलेक्टर्स को बाबर को बाहर करने में किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं हुई. लेकिन याद कीजिए भारतीय स्टार विराट कोहली की उस खराब दौर की जब वह भी बल्ले से लगातार फ्लॉप होते रहे और बीसीसीआई ने उन्हें टीम से बाहर करने की जरूरत नहीं समझी. और लगातार फ्लॉप होने के बाद भी विराट खुद को फन्ने खां समझते रहे.

पहले बात करते हैं बाबर आजम (Babar Azam) की. बाबर का टेस्ट क्रिकेट में वैसे तो औसत 54 से उपर का है लेकिन 2023 से उनकी बल्लेबाजी औसत गिरकर लगभग 21 की हो गई है. इस दौरान उन्होंने 9 टेस्ट मैचों की 18 पारियों में 21 की औसत से रन बनाए. इस दौरान बाबर आजम के बल्ले से शतक तो दूर दिसंबर 2022 के बाद से वह एक अर्धशतक को भी तरस रहे हैं. इंग्लैंड के खिलाफ मौजूदा सीरीज में भी इंग्लैंड के खिलाफ मुल्तान में खेले गए पहले टेस्ट में बाबर सपाट पिच पर 2 पारियों में सिर्फ 35 रन ही बना सके. पहली पारी में वह 30 रन बनाने में सफल रहे वहीं दूसरी पारी में सिर्फ 5 रन बनाकर चलते बने.

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खराब फार्म बनी बाबर के गले की फांस
बाबर आजम को टीम से तो बाहर कर दिया तो किया वो इस दौरान फॉर्म को वापिस हासिल करने के लिए घरेलू क्रिकेट खेलेंगे. शायद बाबर कायदे आजम घरेलू टूर्नामेंट में खेलने उतरें. इस घरेलू टूर्नामेंट की शुरुआत 20 अक्टूबर से हो रही है. देखा जाए तो बाबर ने इस टूर्नामेंट में आखिरी बार साल 2019 में खेला था. बाबर बड़े कद के खिलाड़ी हैं और उनकी तुलना विराट कोहली से की जाती है. पिछले साल वनडे विश्व कप और इस साल टी20 विश्व कप में भी बाबर बल्ले से धमाल नहीं मचा पाए थे. बाबर उस कद के खिलाड़ी हैं जो कभी भी फॉर्म में आ सकते हैं. उनको टीम से बाहर किए जाने के बाद पीसीबी ने उदाहरण पेश किया है कि उनके लिए किसी भी खिलाड़ी को टीम से बाहर करने में कोई दिक्कत नहीं है. हालांकि पीसीबी बेशक यह कहती रहे की उसने बाबर को रेस्ट दिया है लेकिन इसमें सच्चाई कतई नहीं है.

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कोहली 2020 और 2023 में खराब फॉर्म से जूझते रहे
अब बात करते हैं, भारतीय स्टार विराट कोहली (Virat Kohli) की. कोहली वही खिलाड़ी हैं जो 2020 और 2023 में करियर के खराब दौर से गुजर रहे थे. साल 2020 में उनकी बल्लेबाजी औसत गिरकर 19.33 हो गई थी जबकि 2023 में तो 28.21 और 26.50 का हो गया था. विराट कोहली की इस दौरान जमकर आलोचना होने लगी थी. आलोचक भी उन्हें टीम से बाहर करने की बात करने लगे थे लेकिन बीसीसीआई ने उन्हें टीम से बाहर नहीं किया. विराट कोहली भी खराब फॉर्म के बावजूद लगातार खेलते रहे और ऐसा लग रहा था जैसे वह खुद को फन्ने खां समझ रहे हों. इस कद का खिलाड़ी खुद भी आगे नहीं आया कि उसे आराम की जरूरत है.

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विराट कोहली का ओहदा बहुत बड़ा है
भारत और पाकिस्तान के क्रिकेट बोर्ड में भी काफी फर्क है. भारतीय बोर्ड अपने इस स्टार खिलाड़ी को टीम से बाहर करने की सपने में भी नहीं सोच सकता. क्योंकि विराट कोहली का ओहदा बहुत बड़ा है. विराट उस समय फॉर्म से जूझते रहे लेकिन उनका सेलेक्शन आगे की हर सीरीज में होता रहा. वह खुद निजी कारणों का हवाला देकर सीरीज मिस कर सकते हैं लेकिन फिट होने के बावजूद उन्हें खराब फॉर्म में भी बाहर करने के बारे में भारतीय बोर्ड नहीं सोच सकता. खैर, देखना दिलचस्प होगा कि पाकिस्तान क्रिकेट टीम अब बाबर के बिना कैसा प्रदर्शन करती है. बाबर टीम में अनुभव लेकर आते थे. उन्हें लंबे समय तक कप्तानी का भी तर्जुबा था. ऐसा लगता है कि पीसीबी ने पैनिक बटन दबाने में जल्दबाजी कर दी.

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