अजित राइटर को अपने ही गढ़ में दोहरा झटका, एक ही दिन 2 नेताओं ने छोड़ी NCP; शरद गुट में शामिल
महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता अजीत पवार को अपने ही गढ़ में करारा झटका लगा है। सतारा के फलटन से नेता प्रतिपक्ष दीपक चव्हाण और पार्टी के वरिष्ठ नेता संजीवराजे निंबालकर ने अजित के नेतृत्व वाली एनसीपी छोड़ दी है और चाचा शरद के नेतृत्व वाली सापा (सपा) में शामिल हो गए हैं।
पिछले कई दिनों से चर्चा थी कि विधायक दीपक चौहान और संजीवराजे निंबालकर शरद समर्थक के गुट में शामिल होंगे। संजीवराजे के भाई राम राजे निंबालकर ने भी साफ कर दिया है कि वह संजीवराजे के साथ गोवा से चले जाएंगे और महायुति के समर्थकों में कोई भी शामिल नहीं होंगे। रामराजे निंबालकर विधान परिषद सदस्य हैं। उनका एक शीर्षक और बच्चा है।
एबीपी माझा की रिपोर्ट के मुताबिक, दीपक चव्हाण ने तब अजित पिता का साथ छोड़ दिया, जब स्थिरता ने खुद अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की। दीपक चव्हाण फलटन सीट से तीन बार विधायक बने हुए हैं। अब वह चौथी बार विधानसभा क्षेत्र में होंगी। यदि वह इस बार फिर फलाटन सीट से जीते हैं तो सबसे अधिक बार अध्यक्ष बने रहने का रिकॉर्ड उनका नाम दर्ज होगा। दीपक चौहान और निंबालकर के कदम से सतारा जिले की राजनीति में नए बदलाव आ सकते हैं। शरद राइट राइटर को प्रोटोटाइप पटखनी देने का एक भी मौका नहीं छोड़ रहे हैं।
कुछ दिन पहले महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री मंत्री पद पर भी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र राव (एनसीपी- एसपी) शामिल हुए थे। वह पुणे जिले के एक प्रमुख राजनेता हैं और वर्तमान में राष्ट्रीय सहयोगी चीनी मिल संघ के अध्यक्ष हैं। उन्होंने पिछले हफ्ते बीजेपी छोड़ दी थी. प्रतिद्वंद्वी प्रतिद्वंद्वी के कट्टर प्रतिद्वंद्वी रहे हैं। वह 1995-99 के दौरान भाजपा-भाजपा गठबंधन सरकार में कृषि एवं विपणन राज्य मंत्री रह चुके हैं। उन्होंने 1995 के विधानसभा चुनाव में प्रतियोगी के रूप में जीत हासिल की। वह 1999 से 2014 तक कांग्रेस-राकांपा गठबंधन सरकार के दौरान मंत्री पद पर रह चुके हैं। वह 2009 में कांग्रेस में शामिल हुए और टुकड़ियों और स्थापत्य मामलों के मंत्री बने।