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झारखंड विधानसभा चुनाव के राजनीतिक समीकरण आदिवासियों के बीच विश्वसनीयता हासिल करना भाजपा की चुनौती – अमर उजाला हिंदी समाचार लाइव

अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली

द्वारा प्रकाशित: शिव शुक्ला

अद्यतन बुधवार, 16 अक्टूबर 2024 04:13 पूर्वाह्न IST

वर्ष 2000 के अंत में इस राज्य में राजनीतिक अलोकेशन का निर्णय डबल एम अर्थात मतोथ (कुर्मी) और आज़मीन (आदिवासी) आया। इन दोनों का राज्य में जनसंख्या 50 प्रतिशत से अधिक है। दोनों ही लगभग 80 प्रतिशत पार्टियाँ पर किस्से की हार और जीत का फैसला करते हैं।


झारखंड विधानसभा चुनाव के सियासी समीकरण बीजेपी की चुनौती आदिवासियों के बीच दोबारा साख हासिल करना है

झारखंड विधानसभा चुनाव 2024
– फोटो : अमर उजाला

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चंद महीने पहले हुए लोकसभा चुनाव में झारखंड में रिपब्लिकन इंडिया गठबंधन से दस फीसदी से ज्यादा वोट हासिल करने के बावजूद बीजेपी को राज्य में सभी पांच सीटें मिलीं। वज़ह थी बन्धु के मामले में मुख्यमंत्री रसेल सोरेन के जेल जाने के बाद जब्श वर्ग में स्व जातीय नेता के प्रति उपजी सहानुभूति। अब विधानसभा चुनाव में भी भाजपा के सामने युवा वर्ग में अपनी खोई साख वापस पाने की चुनौती है, तो रसेल सोरेन के सामने सहानुभूति लहर को शामिल किया गया है।

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वर्ष 2000 के अंत में इस राज्य में राजनीतिक अलोकेशन का निर्णय डबल एम अर्थात मतोथ (कुर्मी) और आज़मीन (आदिवासी) आया। इन दोनों का राज्य में जनसंख्या 50 प्रतिशत से अधिक है। दोनों ही लगभग 80 प्रतिशत पार्टियाँ पर किस्से की हार और जीत का फैसला होता है। यही कारण है कि राज्य में दोनों गठबंधनों की रणनीति के केंद्र में यही दो नाम हैं।

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