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पाकिस्तान के पूर्व पीएम इस विदेशी यूनिवर्सिटी में चांसलर बनने की दौड़ से हुए बाहर, तीन भारतवंशियों ने बनाई जगह
दुनिया में शिक्षा के सबसे पुराने संस्थानों में से एक मानी जाने वाली लंदन स्थित ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने अपने नए कुलपति के चुनाव के लिए आए आवेदनों में से 38 फाइनलिस्ट की सूची जारी बुधवार को कर दी. इस सूची से जहां एक ओर पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को बाहर कर दिया गया है. वहीं भारतीय मूल के अंकुर शिव भंडारी, निरपाल सिंह पॉल भंगल और प्रतीक तरवड़ी के नाम शामिल है. आइये जानते हैं इन तीनों के बारे में…
अंकुर शिव भंडारी
अंकुर शिव भंडारी भारतीय मूल के नागरिक है और लंदन के ब्रैकनेल शहर के पहले भारतीय मूल के मेयर रह चुके हैं. उनकी दावेदारी को तवज्जो इसलिए मिल रही है क्योंकि वह न सिर्फ इंग्लैंड के एक शहर के मेयर रहे बल्कि उन्हें बड़ी संस्था को चलाने का अनुभव है. उनका मेयर का कार्यकाल काफी लोकप्रिय रहा था.
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निरपा सिंह पॉल भंगल
निरपा सिंह पॉल भंगल पेशे से इंटरनेशनल एंटरप्रेन्योरशिप के प्रोफेसर हैं. उन्होंने ऑक्सफोर्ड समेत दुनियाभर की यूनिवर्सिटीज में विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में काम किया है. इसके अलावा नए कोर्स विकसित करने में उनका खासा एक्सपीरियंस है. यही नहीं, मल्टी कल्चरल माहौल को समझने और उसके अनुसार आचरण करने से लेकर दुनिया की लीडिंग ग्लोबल इकोनॉमी के लोगों के साथ उनका संपर्क भी उनकी दावेदारी को मजबूती देता है.
प्रतीक तरवड़ी
प्रतीक तरवाड़ी पेशे से मेडिकल प्रोफेशनल है. उन्होंने फॉरेंसिक और टॉक्सीकोलॉजी पर काफी काम किया है. साथ ही बाइट मार्क की फॉरेंसिक इनवेस्टिगेशन में भूमिका समेत 24 से ज्याद विषयों पर शोध किया है. उनके दुनिया भर के संस्थानों के नामी रिसर्च एक्सपर्ट के साथ संपर्क है जो उनकी दावेदारी को बल देते हैं.
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इस काबिलियत पर सबसे ज्यादा होता है ध्यान
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के चांसलर के चुनाव के लिए वैसे तो चांसलर चुनाव कमेटी चार पहलुओं पर गौर करती है. लेकिन सबसे ज्यादा ध्यान वह इस बात पर देती है कि आवेदन करने वाला जिस क्षेत्र विशेष से आता है, उसकी कितनी समझ है और उस क्षेत्र में उसने कितना असाधारण काम किया है.
ऑनलाइन वोटिंग से चुने जाएंगे टॉप फाइव आवेदक
यूनिवर्सिटी कुलपति चयन कमेटी के द्वारा चुने गए टॉप 38 आवेदकों के नाम सामने आने के बाद अब दो चरणों की वोटिंग होगी. इसमें यूनिवर्सिटी के कॉन्वोकेशन जिसमें ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के स्टाफ और ग्रजुएट्स शामिल हैं, वह ऑनलाइन माध्यम से चांसलर का चुनाव करेंगे.
क्या है वोटिंग प्रक्रिया
28 अक्टूबर से शुरू होने वाली पहले चरण की वोटिंग के दौरान वोटर अपनी पसंद के कैंडीडेट्स की रैंकिंग के अनुसार सूची तैयार करेंगे. इसमें वह चाहें तो कई या सभी को शामिल कर सकते हैं लेकिन रैंकिंग देना जरूरी होगा. 4 नवंबर को टॉप 5 कैंडिडेट के नाम जारी होंगे. इसके बाद 18 नवंबर से दूसरे चरण की वोटिंग शुरू होगी जिसमें यूनिवर्सिटी के नए चांसलर का नाम तय होगा. 25 नवंबर को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के नए चांसलर के नाम की घोषणा होगी.
10 साल के लिए होगा टेन्योर
यूनिवर्सिटी के नए कुलपति का कार्यकाल 10 साल तय किया गया है. पहले रिटायर होने तक चांसलर रहने का प्रावधान था लेकिन हाल ही में यूनिवर्सिटी के नियमों में बदलाव कर कार्यकाल को दस साल तक सीमित कर दिया गया है. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के चांसलर के जिम्मे में यूनिवर्सिटी के लिए फंडरेजिंग करने के साथ ही देश और दुनिया के विभिन्न कार्यक्रमों में यूनिवर्सिटी के प्रतिनिधि के तौर पर जाने की जिम्मेदारी रहती है.