झारखंड के सीएम सोरेन ने 1.36 लाख करोड़ रुपये का कोयला बकाया न चुकाने पर पीएम मोदी को खुला पत्र लिखा
विलायती सोरेन
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झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीख पता में अब कुछ ही घंटे बचे हैं। इस बीच, यहां के मुख्यमंत्री रसेल सोरेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुला पत्र लिखा है। उन्होंने केंद्र पर धावा बोलकर सामान की मांग की। सोरेन ने कहा कि कोल टेलीकॉम के 1.36 लाख करोड़ रुपये बचे, आप कब तक देंगे।
हम कोई विशेष बजट नहीं मांग रहे…: सीएम
सोरेन ने इस बात पर भी जोर दिया कि वह राज्य के लिए ‘विशेष’ बजट की मांग नहीं कर रहे हैं, बल्कि अपने बकाए का भुगतान कर रहे हैं। इस कारण झारखंड का विकास नहीं हो पा रहा है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्सएक्स पर मोदी को एक खुला पत्र लिखा है। उन्होंने कहा, ‘यह डेमोक्रेट राशी हमारा अधिकार है।’ झारखंड विशेष बजट की मांग नहीं की जा रही है। हम सिर्फ अपने अधिकारों के लिए पूछ रहे हैं। हम हर हालत में अपना अधिकार लेकर रहेंगे।’
‘राज्य के विकास में बाधा बन रही’
उन्होंने पत्र की शुरुआत में लिखा था कि झारखंड की लड़कियों, बच्चों, युवाओं, बुजुर्गों, आदिवासियों-मूलनिवासी, दलित, अल्पसंख्यकों और गरीबों के विकास के लिए हमारा एक लाख छत्तीस हजार करोड़ रुपये कब मिलेगा? उन्होंने आगे कहा, ‘मैं वैलेंटाइन सोरेन आपको (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) खुला पत्र लिख रहा हूं। आपका ध्यान राज्य के समवेत आ रही है एक गंभीर समस्या की ओर आकर्षित आकर्षित होना चाहता हूँ। यह समस्या कोल कंपनी लिमिटेड द्वारा राज्य के उत्पादों का भुगतान न करने से संबंधित है, जो हमारे राज्य के विकास में बाधा बन रही है।’
1.36 लाख करोड़ रुपये कैसे बचे?
उन्होंने ‘कुल कागजात’ के बारे में जानकारी देते हुए कहा, ‘कुल कागजात कुल 1,36,042 करोड़ रुपये है। इसमें वॉश्ड कोयला रॉयल्टी के रूप में 2,900 करोड़ रुपये, पर्यावरण मंजूरी के सीमा उल्लंघन के रूप में 32,000 करोड़ रुपये, भूमि अधिग्रहण के रूप में 41,142 करोड़ रुपये (38,460 करोड़ रुपये जीएम भूमि और 2,682 करोड़ रुपये की संपत्ति शामिल है)। इस पर सऊदी की संपत्ति 60,000 करोड़ रुपये, कुल 1,36,042 करोड़ रुपये है।’
विकास पर क्या असर?
वे इस राशि के कारण विकास पर पड़ रहे प्रभाव से भी भिन्न को प्रभावित करते हैं। उन्होंने कहा, ‘इसकी वजह से, हमारे राज्य में कई महत्वपूर्ण विकास अवशेष प्रभावित हुए हैं।’ शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास, स्वच्छ तितली एवं बाल विकास, बच्चे, युवा, वृद्ध, किसान, श्रमिक, आदिवासी-मूलवासी, दलित, अल्पसंख्यक, गरीबी रेखा से नीचे समाज के अंतिम लक्ष्य पर कट्टरपंथियों को लागू करने में शामिल हो रही है. झारखंड, एक अल्प विकसित राज्य है, जो घटक की कमी से गंभीर रूप से प्रभावित हो रहा है। ‘आपूर्तिकर्ता की कमी को पूरा करने के लिए बहुत जरूरी है।’
कोयला इंजीनियरों को बांड राशि का भुगतान करने का निर्देश: सीएम
झारखंड के सीएम सोरेन ने राज्य के पक्ष में फैसला देते हुए कहा, ‘सर्वोच कोर्ट की नौ डेमोक्रेटिक पार्टी ने राज्य के पक्ष में फैसला दिया है। फ़ोर्सेज़ कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि राज्य को खनन और रॉयल्टी शुल्क वसूली का अधिकार है। यह भी कहा गया है कि रॉयल्टी एक कर नहीं है और इस पर कोई सीमा नहीं दी जा सकती है। ‘हमारा अनुरोध है कि आप इस मामले में हस्तक्षेप करें और कोल कंपनी को प्रॉडक्ट का भुगतान करने का निर्देश दें।’
उन्होंने कहा, ‘जब तक पूरी तरह से रिज़ का भुगतान नहीं हो जाता, तब तक कोल इंडिया और उसकी सहयोगी कंपनी को रिज़ का भुगतान करना चाहिए या कोल इंडिया के राज्य के खाते में सीधे पैसा जमा करना चाहिए। यह राशि झारखंड के लोगों और कल्याण राज्य के समग्र विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।’
उन्होंने आगे कहा, ‘हम आपसे अनुरोध करते हैं कि इस मुद्दे का जल्द समाधान किया जाए ताकि झारखंड के लोग विभिन्न सामाजिक क्षेत्र की मंजूरी का लाभ उठा सकें। यह केवल राज्य के विकास के लिए महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि गरीबी असमानता और लोगों के जीवन स्तर में सुधार के लिए भी आवश्यक है। हम आपके सकारात्मक हस्तक्षेप और तत्काल कार्रवाई की आशा करते हैं। इसके लिए झारखंड के लोगों की ओर से, मैं आपका हमेशा के लिए उद्देश्य।’