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10 साल में एक ट्वीट… पाकिस्तानी स्कॉलर क्यों कर रहे जयशंकर की जय-जयकार, पर पाक मीडिया को लताड़

कमर चीमा ने कहा कि अगर पाकिस्तान ने कश्मीर का राग अलापा होता तो भारतीय विजेश मंत्री जयशंकर वहीं उसका करारा जवाब दे देते। उन्होंने कहा कि अगर ऐसी स्थिति आती तो भारतीय मीडिया उस मुद्दे को वहीं से ग्लोबलाइज कर सकती थी।

शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के एक सम्मेलन में शामिल होने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर दो दिनों के पाकिस्तान दौरे पर थे। पिछले नौ साल में किसी भारतीय नेता का यह पहला पाकिस्तान दौरा था। इस्लामाबाद पहुंचने पर पाकिस्तान ने उनका रेड कार्पेट बिछाकर स्वागत किया। इतना ही नहीं पाक प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने आगे बढ़कर उनसे हाथ मिलाया और बातचीत की। SCO बैठक के बाद बुधवार को जब जयशंकर भारत लौट रहे थे, तब उन्होंने एक ट्वीट किया, जिसकी पाकिस्तान मीडिया में जमकर तारीफ हो रही है।

पाक मीडिया में जयशंकर के ट्वीट को आगे के लिए रास्ता खोलने वाले कदम के रूप में देखा जा रहा है। साथ ही वहां के बुद्धिजीवी और स्कॉलर इस पर चर्चा कर रहे हैं कि क्या जयशंकर के इस्लामाबाद दौरे के बाद से दोनों देशों के रिश्तों पर जमी बर्फ पिघल सकेगी। पाकिस्तान के नामी स्कॉलर डॉ. कमर चीमा ने इसे पाकिस्तान के लिए शुभ संकेत बताया है और कहा है कि पिछले दस सालों में पहली बार किसी भारतीय नेता ने पाकिस्तान के बारे में सुखद ट्वीट किया है।

दरअसल, जयशंकर ने इस्लामाबाद से नई दिल्ली रवाना होने से पहले बुधवार को एक ट्वीट किया था। इसमें उन्होंने पाक प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को मेहमाननवाजी के लिए शुक्रिया कहा था। जयशंकर ने अपने ट्वीट में पाक विदेश मंत्री इशाक डार का भी उल्लेख किया था। पाकिस्तानी मीडिया जयशंकर के इस ट्वीट और उनके बयानों की तारीफ कर रहा है। कमर चीमा ने एक पॉडकास्ट में इसका उल्लेख करते हुए कहा है कि जयशंकर का यह कदम जबर्दस्त है।

चीमा ने कहा, “आप क्या समझते हैं, यह मजाक है। आप जयशंकर के पिछले 10 सालों के ट्वीट को पलटकर देख लें या भारतीय विदेश मंत्रालय के ट्विटर हैंडल को खंगाल लें, या भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का ट्विटर हैंडल चेक कर लें और बताएं कि इतने दिनों में इनमें से किसी का भी एक भी ट्वीट हो, जिससे यह संकेत मिलता हो कि दोनों देश करीब हो रहे हैं।” इस पॉडकास्ट में कमर चीमा उन लोगों को फटकार लगाते नजर आ रहे हैं, जो इस बात को उठा रहे हैं कि SCO समिट के दौरान कश्मीर का जिक्र क्यों नहीं किया, जबकि अफगानिस्तान का जिक्र किया गया।

कमर चीमा ने आगे कहा कि अफगानिस्तान का जिक्र इसलिए किया गया क्योंकि इससे भारत-पाक दोनों के हित नहीं जुड़े थे, जबकि कश्मीर पर दोनों देशों के बीच विवाद पुराना है और यह द्विपक्षीय मुद्दा है। उन्होंने कहा कि भारतीय मीडिया का प्रतिनिधिमंडल इस्लामाबाद क्यों आया था, क्या यह भी बताने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसी स्थिति आती तो भारतीय मीडिया उस मुद्दे को वहीं से ग्लोबलाइज कर सकती थी। चीमा ने कहा कि अगर पाकिस्तान ने कश्मीर का राग अलापा होता तो जयशंकर वहीं उसका करारा जवाब दे देते।

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बता दें कि विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके पाकिस्तानी समकक्ष इशाक डार के बीच इस दौरान दो मौकों पर अनौपचारिक बातचीत हुई और उनमें से एक में भारत-पाकिस्तान क्रिकेट संबंधों को बेहतर बनाने के तरीकों पर चर्चा हुई। राजनयिक सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी थी। पाकिस्तान के सूचना मंत्री अताउल्ला तरार ने कहा कि जयशंकर की इस्लामाबाद यात्रा से रिश्तों पर जमी बर्फ पिघली है।

सूत्रों ने ये भी बताया कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ द्वारा एससीओ प्रतिनिधियों के लिए अपने आवास पर आयोजित रात्रिभोज में जयशंकर और डार के बीच एक अलग बैठक हुई। इस बैठक में पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी भी शामिल हुए और संक्षिप्त बातचीत में क्रिकेट संबंधों में सुधार पर चर्चा की गई। नकवी पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के अध्यक्ष भी हैं। पता चला है कि पाकिस्तानी पक्ष ने अगले साल फरवरी में पाकिस्तान की मेजबानी में होने वाले आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी क्रिकेट टूर्नामेंट में भारत की भागीदारी का अनुरोध किया है। हालांकि भारत ने इससे इनकार किया है।

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