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बिहार समाचार: चुनाव आयोग द्वारा चुनाव तिथि की घोषणा के बाद जदयू उम्मीदवार फाइनल, राजद पार्टी, भाजपा झारखंड चुनाव – अमर उजाला हिंदी समाचार लाइव

बिहार समाचार: ईसीआई द्वारा चुनाव तिथि की घोषणा के बाद जदयू उम्मीदवार फाइनल, राजद पार्टी, भाजपा झारखंड चुनाव

किशोर यादव की रसेल सोरेन से मुलाकात हुई। क्वेश्चन की घोषणा आज है।
– फोटो : अमर उजाला डिजिटल

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राजनीति में ‘अपर हैंड’ बहुत कीमती चीज है। अफवाह जो रह रही है, बिहार उप चुनाव और झारखंड विधानसभा चुनाव में भी ऐसी ही ‘अपर हैंड’ के हाथों में खूबसूरत दिख रही है। चुनाव आयोग की ओर से बिहार की चार सीटों पर उप चुनाव और झारखंड विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद जब नामांकन का समय सामने आएगा, तब यही ‘अपर हैंड’ प्रभावशाली दिख रहा है। बिहार विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी वैसे ही सबसे बड़ी पार्टी है, लेकिन चार सीटों में से दो में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल युनाइटेड ने समान रिश्ते अपने पास रख लिए हैं। झारखंड में आइटम नंबर 11-12 की मांग के सामने बीजेपी ने 2 डेक ‘सम्मान’ दिया। भाजपा में ऑर्केस्ट्रा का नाम अटका हुआ है, जबकि किले का नाम चुकाया गया है। इस बीच, राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने झारखंड में अपने गठबंधन के ‘अपर हाथ’ झारखंड मुक्ति मोर्चा से डील फाइनल कर ली है।

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राहुल गांधी के आने से पहले बचपन का क्या मिला

समाजवादी पार्टी के नेता राहुल गांधी आज झारखंड में रहेंगे। झारखंड विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद यह उनका पहला और बेहद अहम दौरा है। इससे पहले बिहार विधानसभा में नामांकन के नेता तेजस्वी यादव ने शुक्रवार की रात को झारखंड के मुख्यमंत्री पद के लिए नामांकन पर बात कर ली। झारखंड में 22 सदस्यीय मंडल की मांग रखी गई थी, लेकिन झारखंड में अपरहैंड झामुमो की पार्टी के सामने युवा यादव भी शांत होकर पांच सीटों पर मान गए हैं। आज इसकी घोषणा होने की उम्मीद है। झामुमो 43, कांग्रेस 29 और स्टिकर-माले को चार पायदान नीचे जाने की घोषणा की गई है। इधर, प्लास्टिक में भारी-भरकम मांग को किनारे लगाए गए बीजेपी ने उसे छोटे पश्चिम और तमाड़ में शामिल ही आंका। यहाँ फ़ायदे: सरयू राय और राजा पीटर माउंट की उम्मीदवारी।

देखने में भी इसी तरह ‘भारी’ ही भारी पड़ा

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने बिहार के चार रिजॉर्ट के साथ झारखंड का भी प्लान फाइनल किया है। बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी ने बीजेपी को चार में से एक सीट दी है. पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी केंद्र सरकार के मंत्री जीतन राम के अल्पसंख्यक बनने से खाली हुई इमामगंज सीट उनकी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा-सेकेंड युनिवर्सिटी के पास ही रहेगी। यहां के हम-से-सुहाइयों के कपड़े में इस बार भी ‘मांझी’ बन रहे हैं तो चौंकिए मत।

चोर ने अपने पास बेलागंज सीट रखी है और इस पर मनोरमा देवी का नाम लगभग अंतिम है। वह इस सीट से लगातार पांच बार विधायक बने रहे, इसके बाद न्यूनतम बने सुरेंद्र यादव के बेटे विश्वनाथ यादव से चुनाव लड़ेंगे, यह भी तय है। मनोरमा देवी का परिवार यहां रहता है और सुंदर यादव का यहां राजनीतिक महत्व है, इसलिए पिता ने घोषणा की कि थोड़ा समय भी बीत रहा है और सोच भी रही है। यहां मूल्यवान उदाहरण यह भी है कि पिछली बार उसके शत्रु रहे अभय कुशवाहा इस बार राजद के अल्पसंख्यक बन गए थे।

प्रशांत किशोर की जन सूरज पार्टी की ओर से लेफ्टिनेंट जनरल को चोट के रूप में शामिल किए जाने के कारण चर्चा में आई तारारी सीट पर कुर्सी का नाम अभी पक्का नहीं हुआ है। दूसरी तरफ कैमूर जिले के सांस्कृतिक क्षेत्रीय क्षेत्र में इस बार भी भाजपा ही राजद को चुनौती देगी। इस सीट से विधायक निवास के बाद विपक्ष के नेता सुधाकर सिंह के परिवार से ही रहे तो आश्चर्य नहीं। सुधाकर सिंह राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगतानंद सिंह के बेटे हैं और उनके भाई राजद में आ चुके हैं।

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