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​ये ​है दुनिया का सबसे विचित्र कोर्स, जॉम्बीज के बारे में होती है पढ़ाई…​

वर्तमान समय में युवाओं के पास न सिर्फ डॉक्टर या इंजीनियर जैसे कोर्स का ऑप्शन है, बल्कि कई कोर्स हैं, जिनकी डिग्री हासिल करने के बाद आप अच्छी कमाई कर सकते हैं. समय के साथ ऐसे कोर्सेस का दायरा बढ़ता जा रहा है. कॉलेज व विश्वविद्यालय में नए-नए विचित्र कोर्स लांच किए जा रहे हैं. आइए जानते हैं एक ऐसे ही कोर्स के बारे में…
 
अमेरिका के कई कॉलेज में है जॉम्बीज कोर्स
 
दुनियाभर में कई सारे ऐसे कोर्स भी हैं, जो काफी मजेदार तो हैं ही लेकिन सुनने में उतने ही ज्यादा अजीबोगरीब. उदाहरण के लिए क्या आपको मालूम है कि जॉम्बीज के बारे में भी कोर्स करवाया जाता है. अमेरिका के कई कॉलेज और विश्वविद्यालय इस अजीबोगरीब कोर्स की पेश करते हैं. इसमें जॉम्बी एपोकैलिप्स के दौरान बचने के तरीकों पर क्लासेस दी जाती हैं.
 
 
जॉर्ज मेसन यूनिवर्सिटी है चर्चित
 
अमेरिका के वर्जीनिया में जॉर्ज मेसन यूनिवर्सिटी इस कोर्स को करवाने के लिए विख्यात है. यूनिवर्सिटी के सोशियोलॉजी और एंथ्रोपोलॉजी डिपार्टमेंट के तहत इस अंडरग्रेजुएट कोर्स का संचालन किया जाता है. इसमें मनुष्यों का"वर्तनी">जॉम्बी कल्चर ने कैसे प्रभावित किया है, यह पढ़ाया जाता है. वहीं, सेंट जेवियर यूनिवर्सिटी में "जॉम्बी: बायोलॉजी ऑफ द अनडेड" कोर्स जॉम्बी बायोलॉजी के फंडामेंटल्स को कवर करता है. यह कोर्स उन छात्रों के लिए है, जो जॉम्बी के बारे में सीखना चाहते हैं और साइंस की जनरल एजुकेशन की जरूरत को पूरा करना चाहते हैं.
 
मानव व्यवहार पर रिसर्च के लिए शुरू किया गया है कोर्स
 
सोशल वर्क इंस्ट्रक्टर और कोर्स के निर्माता ग्लेन स्टुटजकी का कहना है कि हमने जॉम्बी एपोकैलिप्स कोर्स को आपदा और मानव व्यवहार के विषय पर महत्वपूर्ण रिसर्च के लिए शुरू किया है. इसमें छात्र नेचर, स्कोप, विनाशकारी घटनाक्रमों का मानव पर प्रभाव, सर्वाइवल बिहेवियर आदि के बारे में विस्तार से सीखते हैं. साथ ही कोर्स छात्रों को विषय के लिए एक अंतर्दृष्टि प्रदान करता है, जिससे वो पर्सनल डेवलपमेंट, मेंटल डेवलपमेंट, क्लिनिकल और हेल्थ साइंस आदि को बेहतर तरीके से समझ पाते हैं।
 
कोर्स के दौरान ये सीखते हैं छात्र
 
इस कोर्स की क्लासेस के पहले वीक में सिमुलेशन पर फोकस होता है, जिसमें छात्रों को सर्वाइवर ग्रुप्स में रखा जाता है और जॉम्बी पैंडेमिक के दौरान एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रेरित किया जाता है. जैसे-जैसे कोर्स आगे बढ़ता है, छात्रों को ब्लैक डेथ, उल्कापिंड गिरने आदि घटनाओं के प्रभावों को जानने का मौका मिलता है. कोर्स के अंत में छात्र सर्वाइवर ग्रुप्स में जो सीखते हैं, उनका उपयोग करते हैं.
 

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