महाराष्ट्र

दादी को सलाह देने का प्लान? अब कश्मीरियों के भी दर्शन, महाराष्ट्र सरकार, स्काई में नई जगहें जोड़ीं

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है। आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले ही महायुति होने लगी थी सरकार ने कई सिद्धांतों की शुरुआत की थी। इनमें से एक तीर्थ दर्शन योजना में अब सरकार ने कई तीर्थयात्राओं को भी शामिल किया है। इसमें हाजी अली मंदिर, मुंबई, हाजी मलंग मंदिर कल्याण और दिवानशाह मंदिर भिवंडी शामिल हैं। इस सूची में मुसलमानों के अलावा पारसियों, बौद्धों और जैन समुदाय के पवित्र स्थानों को भी शामिल किया गया है।

महाराष्ट्र सरकार के तहत तीर्थ दर्शन योजना के तहत 60 साल से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को किसी एक तीर्थ दर्शन के लिए प्रति व्यक्ति 30 हजार रुपये की मदद मिलती है। हालाँकि शर्त यह है कि किसी व्यक्ति के परिवार की आय 2.5 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए। यह योनजा का प्रस्ताव 15 अक्टूबर को जारी किया गया था। इसके तहत महाराष्ट्र के 95 और महाराष्ट्र के बाहर 15 पवित्र स्थानों को जोड़ा गया था।

अल्पसंख्यकों को लाइसेंस देने का प्लान?

महायुति सरकार की ओर से इस कदम पर भी देखा जा रहा है। राजनीतिक सिद्धांत का कहना है कि चुनाव से पहले अल्पसंख्यकों के स्थानों को स्कॉच में विद्यार्थी वोट बैंक तैयार करने का खेल है। समाजवादी नेता रईस शेख ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया है। हालांकि उन्होंने कहा कि यह सब महायुति सरकार को केवल राजनीतिक लाभ पहुंचा रही है। उन्होंने कहा, जुलाई में जब स्कॉच की शुरुआत हुई थी तब सवाल किया गया था कि इसमें मुस्लिमों के एक स्थल को क्यों शामिल नहीं किया गया। मैंने खुद सीएम शिंदे को पत्र में लिखा था कि इसमें मुस्लिम समुदाय के लोगों को भी शामिल किया जाए। मुझे खुशी है कि अब इसमें कई जगहें दिखाई गई हैं।

शेख ने कहा कि चुनाव से पहले मुसलमानों को शामिल करना, सरकार के उपदेशक हैं। महाराष्ट्र संतों की भूमि है। इस राज्य में सूफी संतों के पिरामिड हैं और वहां हिंदू भी जाते हैं। राज्य में हाजी अली और हाजी मलंग की दरगाह है। इतिहास ज्ञात हुआ यहां भी सरकार ने नई योजना में शामिल नहीं किया था। इसमें उसके स्वभाव के बारे में समानता का पता लगाया जा सकता है।

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