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स्वरा भास्कर ने CJI चंद्रचूड़ पर उठाए सवाल, कसा तंज, ‘भयानक फैसले के लिए भगवान को जिम्मेदार बता दिया’

नई दिल्ली. स्वरा भास्कर अपने बेबाक बोल के लिए जानी जाती हैं. अक्सर देश-विदेश के मुद्दों पर अपनी राय रखने वालीं स्वरा एक बार फिर सुर्खियों में हैं. बीते हफ्ते सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ पुणे के खेड़ तालुका में अपने पैतृक गांव कन्हेरसर पहुंचे थे. जहां उन्होंने अपने पेशे से जुड़े कुछ ऐसे मामलों पर बात करते हुए अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद के बारे में इशारा देते हुए बात की. अब बॉलीवुड एक्ट्रेस ने सीजेआई के फैसले पर चुटकी ली है.

मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा था कि राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद के समाधान के लिए ईश्वर से प्रार्थना की थी. इस बात को कहे सीजेआई को कई दिन हो गए, लेकिन अब स्वरा भास्कर इस मामले पर चुटकी लेते हुए मुख्य न्यायाधीश पर तंज कसा है.

स्वरा भास्कर ने क्या कहा
स्वरा भास्कर ने अपनी इंस्टा स्टोरी पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा- ‘देश के सर्वोच्च न्यायाधीश द्वारा अपने खराब फैसले के लिए भगवान को दोषी ठहराना एक सहज कदम था.’ इससे पहले शिवसेना (UBT) भी सीजेआई की बात पर सवाल उठा चुकी है.

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स्वरा भास्कर का पोस्ट.

मुखपत्र सामना में क्या हुआ था प्रकाशित
पार्टी ने मुखपत्र सामना में प्रकाशित संपादकीय में लिखा, ‘…क्या न्याय कानून द्वारा, संविधान की धाराओं के अनुसार किया जाता है? जजों को अब इस बारे में अपने-अपने भगवान से ही पूछना चाहिए. चंद्रचूड़ साहब ने वो रास्ता दिखाया है. चीफ जस्टिस कहते हैं, ‘जब बाबरी केस, अयोध्या में राम मंदिर का मामला मेरे सामने आया तो मैं भगवान के सामने बैठा. मैंने भगवान से इस मामले को सुलझाने की प्रार्थना की. मैंने भगवान से कहा, ‘अब आपको ही कोई समाधान निकालना होगा.’ मुखपत्र सामना आगे लिखा है, ‘चीफ जस्टिस किस भगवान के समक्ष प्रार्थना के लिए बैठे? विष्णु के तेरहवें अवतार या चौदहवें अवतार के सामने? समाधान के बाद अयोध्या में राम मंदिर तो खड़ा हो गया, लेकिन ये तय है कि लोकसभा चुनाव में तेरहवें अवतार से मंदिर के भगवान श्रीराम खुश नहीं हुए. कोर्ट को आस्था के मामले में नहीं पड़ना चाहिएय. यहां कानून के प्रावधान अप्रभावी हो जाते हैं.

क्या बोले थे सीजेआई
बीते सप्ताह सीजेआई चंद्रचूड़ पुणे के खेड़ तालुका में अपने पैतृक गांव कन्हेरसर पहुंचे थे. उन्होंने कहा, ‘अक्सर हमारे पास मामले (निर्णय के लिए) आते हैं, लेकिन हम समाधान पर नहीं पहुंच पाते. अयोध्या (राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद) के दौरान भी कुछ ऐसा ही हुआ था, जो तीन महीने तक मेरे सामने था. मैं ईश्वर के सामने बैठा और उनसे कहा कि उन्हें इसका समाधान ढूंढना होगा.’ उन्होंने कहा था, ‘मेरा विश्वास करें, यदि आपको भरोसा है, तो ईश्वर हमेशा कोई रास्ता निकाल देंगे.’

2019 में सुनाया था फैसला
आपको बता दें कि नवंबर 2019 को सुनाए गए फैसले के दौरान सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की बेंच की अगुवाई तत्कालीन सीजेआई रंजन गोगोई कर रहे थे. अदालत ने दशकों पुराने मामले पर विराम लगाते हुए राम मंदिर बनाने का फैसला सुनाया था.

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