एजुकेशन

जेईई मेन्स 2025 में बदलाव से छात्रों की कट ऑफ लिस्ट प्रभावित होगी, परीक्षा कार्यक्रम की जल्द ही घोषणा की जाएगी, विवरण यहां जानें

देशभर की वि​भिन्न परीक्षाओं को आयोजित कराने वाली नेशनल टे​स्टिंग एजेंसी का परीक्षा शेड्यूल अभी तक जारी नहीं हुआ है. लेकिन माना जा रहा है कि इंजीनियरिंग एंट्रेंस टेस्ट जेईई मेन्स 2025 का शेड्यूल 25 से 27 अक्टूबर के बीच आ सकता है. इंजीनियरिंग कोर्सेज में दा​खिल लेने के लिए होने वाली परीक्षा का पहला चरण जनवरी महीने में जबकि दूसरे चरण की परीक्षा अप्रैल में हो सकती है. हालांकि इस बार की परीक्षा में कई अहम और कट ऑफ पर असर डालने वाले बदलाव किए गए हैं.ऐसे में आइये जानते हैं इन बदलावों के बारे में…

कॉमन सिलेबस से होगी परीक्षा

2025 की परीक्षा का पेपर तैयार करने से पहले नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने देश के हर शिक्षा बोर्ड से सिलेबस मंगाया है. करीब 2 साल की मेहनत के बाद अब एक सिलेबस तैयार किया गया है जिसके अनुसार 2025 के एग्जाम में पेपर बनाकर परीक्षा के लिए दिया जाएगा. इस कवायद के बाद कुछ राज्यों के बोर्ड के बच्चों को मिलने वाले लाभ और कुछ राज्य के बच्चों को होने वाले नुकसान की शिकायत नहीं रहेगी क्योंकि सब कुछ एक कॉमन सिलेबस से ही निकाल कर सवाल के तौर पर पूछा जाएगा.

छात्रों के लिए ये बातें हैं जरूरी

परीक्षा देने वाले छात्रों के लिए बदलाव बेहद हम इसलिए भी हैं क्योंकि अब जब छात्रों को पता है कि सिर्फ पांच क्वेश्चन ही करने होंगे. दिए गए सवालों में कोई भी विकल्प मौजूद नहीं है, इसलिए वह सही टाइम मैनेजमेंट के हिसाब से सवालों के जवाब देंगे. जानकारों का कहना है कि इस बदलाव के चलते ओवरऑल कट ऑफ तो कम होगी, साथ ही क्वेश्चन पेपर भी पिछले सालों की तुलना में कठिन होगा. ऐसा इसलिए है क्योंकि पहले विकल्प होने की वजह से कई बार छात्रों को काम मुश्किल सवाल का विकल्प मिल जाता था जिसकी वजह से 100 परसेंटाइल कॉमन हो रही थी लेकिन इस बदलाव के बाद नंबर 100 परसेंटाइल पाने वाले छात्रों की संख्या में कमी आएगी.

2020 से पहे भी नहीं थी व्यवस्था

2020 तक छात्रों को कोई चॉइस नहीं मिलती थी लेकिन कोविड महामारी के चलते 2021 में छात्रों को दो भाग में होने वाली परीक्षा के सेक्शन बी में 10 में से पांच क्वेश्चन का विकल्प दिया गया था. उस साल सेक्शन बी में निगेटिव मार्किंग की व्यवस्था को भी खत्म कर दिया गया था लेकिन 2022 में नेगेटिव मार्किंग की व्यवस्था तो दोबारा लागू की गई लेकिन क्वेश्चन में 10 में से पांच हल करने का विकल्प जारी रखा गया जो 2024 तक जारी रहा. अब 2025 में इसमें बदलाव करने की बात कही जा रही है.

बीटेक कराने वाले कॉलेजों में मिलता है दा​खिला

जेईई मेन्स परीक्षा के परिणाम के आधार पर देशभर के नेशनल इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी, ट्रिपल आईटी, और उन केंद्रीय वित्त पोषित तकनीकी संस्थानों व केंद्रीय विश्वविद्यालय तथा राज्य सरकारों के मान्यता प्राप्त अंडर ग्रेजुएट इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन होता है जहां बीटेक या बीई की पढ़ाई कराई जाती है.

शिक्षा ऋण जानकारी:
शिक्षा ऋण ईएमआई की गणना करें

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *