उत्तराखंड में साइबर ठगों के जाल में…290 दिन में हुई 133 करोड़ की हिस्सेदारी! जानिए कैसे करते हैं शिकार?
दवे : उत्तराखंड में साइबर क्लब का जाल कॉन्स्टेबल आर्किटेक्ट जा रहा है। जहां एक तरफ तकनीक लोगों की जिंदगी को आसान बना रही है, वहीं दूसरी ओर साइबेरियाई मामलों में भी तेजी से गिरावट आ रही है। साइबर ठग हर दिन प्रदेश के लोगों से करीब 46 लाख रुपये ठग रहे हैं। इस साल अब तक 1930 में 19,000 से अधिक करोड़ रुपये के साइबर फाइनेंसियल बैंकिंग रिकॉर्ड हो गए हैं। 3 साल पहले शुरू हुई थी इस मोटरसाइकिल की कीमत, 290 दिन में 133 करोड़ रुपये की हिस्सेदारी
साइबर ठग कई तरह की तकनीकों का इस्तेमाल करते हैं जैसे- कॉलिंग एप्स, फर्जी वेबसाइट्स, फर्जी कॉल्स और सबसे नए तरीके के डिजिटल स्टोर्स का। इनमें से ज्यादातर साइबर ठग लोगों की निजी जानकारी और डेटा चुराकर उनके अकाउंट से पैसे उड़ा लेते हैं।
ठगों को लोगों का डेटा कैसे मिलता है?
लोकल18 से बात करते हुए कहा, साइबर सेल कैप्चर कुमार मिश्रा ने बताया कि साइबर ठग डिजिटल फ़ुटप्रिंट के ज़रिए लोगों की निजी जानकारी इकठ्ठा करते हैं। हम अक्सर सोशल मीडिया पर अपने ईमेल, फोन नंबर और फोटो जैसी निजी जानकारी साझा करते हैं, जो ठगों के लिए सोने की खान साबित होती हैं। ये डेटा चोरी कर ठग डार्क वेब पर स्टॉक या इस्तेमाल किए गए हैं, जो फर्जी सोशल मीडिया पर बनाए गए हैं, आपके फोटो का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है।
साइबेरिया से मुक्ति के उपाय
क्रेडिट कुमार मिश्रा ने सलाह दी कि ग्राहकों को अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर कड़ी सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए। अपनी प्रोफ़ाइल को लॉक करें और निजी जानकारी कम से कम साझा करें। साइबर सेल से बचने के लिए यह जरूरी है कि हम अपनी डिजिटल उपस्थिति को सुरक्षित और संरक्षित रखें।
2 अक्टूबर को राज्य में बड़ा साइबर हमला हुआ था
18 जनवरी से अब तक फाइनैंशियल टेलीकॉम कंपनी लिमिटेड ने ठगों के हाथों कुमारों में जाने से 24 करोड़ रुपये बचाए हैं। जो लोग समय-समय पर शिकायत दर्ज कराते हैं, उनके धन को सुरक्षित रखने में यह प्रयास सफल साबित होते हैं। इसके साथ ही, आयुर्वेदिक साइबर सेल के प्रयास ने भी बड़ी याचिका को खारिज करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। गौरतलब है कि 2 अक्टूबर को एक वायरस के हमले के बाद राज्य के ई-ऑफिस, 72 वेबसाइट और लगभग 70 सरकारी खराब तरह की एप्लिकेशन प्रभावित हुईं। थे. उत्तराखंड के साइबर अटैक ट्रेजरी सिस्टम पर भी असर पड़ा, जिससे हजारों सरकारी कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिला।
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पहले प्रकाशित : 24 अक्टूबर, 2024, 12:57 IST