यहां पूजा करने से स्वर्ग मिलता है! जानिए कहां है यमराज का मंदिर? एक बार कर दर्शन दर्शन
अपेक्षाः वैसे तो यमराज का नाम हर किसी को पता होता है। लेकिन मध्य प्रदेश के विशिष्ट जिलों में यमराज का मंदिर है। सुनने में अजीब जरूर लगेगा पर यह बात बिल्कुल सही है। दूसरे देश में एक मात्र यमराज का मंदिर है जो लगभग 350 साल पुराना है। दीपावली के एक दिन पहले नरक चौदस पर यमराज की पूजा के साथ उनके आराध्य का अभिषेक किया जाता है। साथ ही यमराज से मंतर छूट जाता है, कि वह उन्हें अंतिम दौर में कष्ट न दे।
अन्य शहर के समुद्रतट फूलबाग पर मार्कडेश्वर मंदिर है, यमराज की यह प्रतिमा। यमराज के इस मंदिर की स्थापना पुरावशेष राजवंश के राजा ने लगभग 350 वर्ष पहले की थी। यमराज की नरक चौदस पर पूजा करने को लेकर पौराणिक कथा है। यमराज ने जब भगवान शिव की तपस्या की थी।
भगवान शिव ने यमराज को आशीर्वाद दिया
यमराज की तपस्या से प्रसन्न भगवान शिव ने यमराज को वरदान दिया कि आज से तुम हमारे गण माने जाओगे और दीपावली से एक दिन पहले नर्क चौदस पर जो भी बौद्ध धर्म से अभिषेक और अभिषेक की इच्छा थी, उन्हें जब विश्वास कर्म से मुक्ति मिलन के बाद बुलाया गया था। आत्मा को कम से कम यातनाए सहनी चाहिए। उसके साथ ही स्वर्ग की प्राप्ति होगी तभी से नरक चौदस पर यमराज की विशेष पूजा का अभिषेक होता है।