ये साधारण मसाला कर खत्म कर देता है कीटनाशक-जुकाम, मच्छर के इलाज में भी जानें और फायदे
बलिया: उत्तर प्रदेश में मौसम के बाद तेजी से बदलाव हो रहा है। राज्य में लचीलेपन का एहसास होना शुरू हो गया है। कई रेस्तरां के तापमान में तेजी से गिरावट दर्ज की गई है। कई असंतुलित में न्यूनतम तापमान 15 से 18 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया गया है। हालांकि, वैराइटी का ये मौसम गर्मी से राहत तो देता है, लेकिन साथ ही कुछ शर्तें और इंफेक्शन का खतरा भी लाता है, जो आपकी खुशियों को तनाव में बदल देता है। अनोखे मौसम में सर्दी, खांसी, ज़ुकाम और बुख़ार जैसी बीमारी आम बात है। इस सीज़न में बार-बार लोग इन जगहों पर चढ़ते हैं। आज हम एक ऐसे ही प्रोटोटाइप के बारे में बताने जा रहे हैं जो न सिर्फ ठंड में रहने वाली से डिप्रेशन की बात करता है बल्कि, बाकी और भी कई ठंड के साथ ठंड को भी दूर करने वाला है। बिल्कुल सही सुना है इस वेबसाइट का नाम से जानते हैं. यह एक पंच फोरन है. आइए जानते हैं अपॉइंटमेंट के सही प्रयोग को लेकर अर्थशास्त्री की राय
सरकारी आयुर्वेदिक नगर बलिया के सात साल का अनुभव (एमडी और क्लिनिक इन मेडिसिन) चिकित्साधिकारी डॉ. प्रियांक सिंह के अनुसार, विशेष रूप से ठंड में बेहद और उपयोगी है। औषधीय गुणधर्मों की वजह से आयुर्वेद के होने का विस्तृत विवरण दिया गया है। यह एक नहीं बल्कि, रामबाण में कई चिकित्सीय उपचार साबित हो सकते हैं। अजवाइन में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, सोया, कैल्शियम, आयरन और कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं। पाचन संबंधी समस्याओं से राहत पाने के लिए अधिकांश पाचन क्रियाएं एक मानी जाती हैं।
अंतिम-जुकम : ठंड में ठंड-जुकाम की समस्या काफी होती है ठीक करने के लिए लगभग 250 ग्राम वजन को सूती कपड़ों में मिलाने पर गर्म कर पीने की मात्रा से ठंड-जुकाम में आराम मिलता है।
कफ वाली खांसी: खाँफ की स्थिति में बार-बार खाँसी आती हो तो मेहमानों के दांतों को घी और पूरी चटनी से राहत मिलती है।
बुखार: अजनबियों में एंटीसेप्टिक, एंटीमाइक्रोबियल और एंटीपैरासिटिक गुण पाए जाते हैं। ये छोटे-छोटे बीज मोटापा, खांसी और अन्य संक्रमणों को रोकने में मदद करते हैं। अगर बुखार से शरीर रचना हो गई है तो अजीब और छोटी पिप्पली का काढ़ा 5 से 10 एमएल सुबह शाम सेवन करें।
दर्द : पुराने सीज़न में पुराना दर्द या गठिया काफी परेशान करने वाला लगता है। ऐसे में आग में नोबेल स्टूडियो से काई करने की क्षमता से ही शरीर का दर्द छूमंतर हो जाता है।
ठंड : प्राचीन काल से यह उपाय आजमाया जा सकता है। अधिक ठंड लगने की स्थिति में गर्म पानी में मठवासी पेय से ठंड से राहत मिलती है।
कार्य : अजवायन में पाया जाने वाला गामा-टेरपीन पेट, अल्सर, रक्तचाप के इलाज और ब्लडप्रेशर के स्तर को कम करने में अत्यधिक और गुणकारी है। यह ब्लडप्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करता है। इस बीज दिल से जुड़ी समस्या को भी कम करें।
सावधान: लिवर की समस्या, मुंह में छाले, सर्जरी, स्तन और गर्भावस्था के दौरान दौरे का अधिक मात्रा में सेवन नहीं करना चाहिए। आयुर्वेद का प्रयोग करने से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श लेना बेहद जरूरी है क्योंकि, उम्र और बीमारी के हिसाब से सही मात्रा एक आधार ही बताया जा सकता है।
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पहले प्रकाशित : 6 नवंबर, 2024, 13:45 IST
अस्वीकरण: इस खबर में दी गई औषधि/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, सिद्धांतों से जुड़ी बातचीत का आधार है। यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से सलाह के बाद ही किसी चीज का उपयोग करें। लोकल-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।