उत्तर प्रदेश

गांव हो तो ऐसा: हर घर में सरकारी नौकरी, डॉक्टर-इंजीनियरों की भरमार, इसलिए लिखा नाम ‘पूरी सरकारी’- उत्तर प्रदेश का अनोखा गांव, हर परिवार को मिलती है सरकारी नौकरी, शुद्ध सरकारी

गोंडा: उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले से करीब 30 किमी दूर स्थित एक गांव ‘पूरे सरकारी’ सम्मान के लिए अपनी पहचान रखता है। इस गांव में हर परिवार में सरकारी नौकरी से जुड़े लोग हैं, इसलिए इसका नाम ही “पूरा सरकारी” पड़ा है। इस गांव की पूरे इलाके में चर्चा है

लोक 18 से बातचीत के दौरान पूरे सरकारी गांव के ईश्वर शरण गुरु कहते हैं कि वो खुद स्वास्थ्य विभाग में थे और अब रिटार्ड हो गए हैं। वो सिखाते हैं कि यहां हर घर से कोई भी सरकारी नौकरी में जरूर होता है। बांदा जिले के नवाबगंज-मनकापुर मार्ग पर बसा यह गांव ‘पूरे सरकारी’ पुरवा का हिस्सा है, जबकि इसकी ग्राम पंचायत का नाम “बहादुरा” है। लगभग 400 वर्ष पूर्व तीन परिवारों की संयुक्त स्थापना इस गाँव में हुई थी, जिनमें से कुछ लोग बस्ती, सुल्तानपुर और अयोध्या से यहाँ आये थे।

कैसे पोस्ट किया गया नाम “पूरी सरकारी”?
गांव का नाम सुनने में भले ही अजीब लगे, लेकिन इसकी वजह है बेहद खतरनाक. यहां के हर परिवार के पास कम से कम एक सदस्य सरकारी नौकरी है, यही वजह है कि इस गांव को “पूरी सरकारी” कहा जाता है। यह गांव पार्वती अर्घ झील के किनारे बसा हुआ है, जो इसकी प्राकृतिकता को और बढ़ाता है।

यहाँ कौन-कौन से लोग हैं?
गांव के रहने वाले मोहन वैज्ञानिक बताते हैं कि यहां के लोग इंजीनियर, डॉक्टर, सरकारी टीचर और रेलवे समेत अलग-अलग सरकारी नौकरियों में नौकरी करते हैं। पहले भी ज्यादातर लोग रेलवे में काम करते थे. वर्तमान में इस गांव के कई लोग इंजीनियर, डॉक्टर और शिक्षक के पद पर हैं, जो गांव की प्रतिष्ठा को बढ़ावा देते हैं।

“पूरे सरकारी” की प्रकृति
यह गांव अपनी परमाणु मस्जिद और गौरवशाली मंदिर के अवशेष न सिर्फ गोंडा बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में अपनी एक अलग पहचान रखता है। ख़ास बात ये है कि नई पीढ़ी के बच्चे भी काफी ख़ारिज हो गए हैं और वो भविष्य में सरकारी नौकरी करने की चाहत रखते हैं।

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