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झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 संथाल परगना की सीटें सीएम हेमंत सोरेन विधानसभा अध्यक्ष और मंत्री – अमर उजाला हिंदी समाचार लाइव

झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 संथाल परगना के सीएम हेमंत सोरेन विधानसभा अध्यक्ष और मंत्रियों की सीटें

झारखंड विधानसभा चुनाव 2024
– फोटो : अमर उजाला

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कहा जाता है कि झारखंड की सत्ता की कुंजी संथाल परगना से है, इसलिए सभी दल यहां अधिक से अधिक लक्ष्य प्राप्ति की रणनीति के साथ मैदान में हैं। संथाल परगना विधानसभा के 18 दर्शनीय स्थल हैं। इनमें से सात मंजिल एसटी के लिए और एक सीट मंजिल एसटी के लिए हैं। यहां अस्थाई दल झामुमो, कांग्रेस और एलायंस का गठबंधन का टकराव भाजपा से है।

संथाल परगना के नौ मंदिर ऐसे हैं, जहां महामुकाबला देखने को मिल सकता है। इन रेज़्यूमे में झारखंड के मुख्यमंत्री मिशेल सोरेन और उनके तीन मंत्रियों के अलावा विधानसभा के इंजीनियरों के साथ प्रतिस्पर्धा है। इसके अलावा इंडिया अलायंस के सहयोगियों में पूर्व मंत्री क्लाउड लेटरलेक, पूर्व मंत्री आलम जागीर आलम की पत्नी निशात आलम, पूर्व मंत्री सुरेश रैना, भाजपा के अध्यक्ष में पूर्व मंत्री डॉ. लुईस मरांडी (अब झामुमो में), प्रदीप यादव, नलिन सोरेन की जगह उनके बेटे आलोक सोरेन, पूर्व मंत्री स्टीफन मरांडी चुनावी मैदान में हैं। वहीं, विपक्षी गठबंधन से मुख्यमंत्री को टक्कर देने के लिए बरहेट में जमीन से जुड़े भाजपा नेता गमालियल सोरेन कमर बाटे हैं।

जामताड़ा में आजसू (आजसू) और मधुपुर में मंत्री अमिताभ बच्चन (कांग्रेस) से बीजेपी के गंगा नारायण को टक्कर मिल रही है। सिंह सीक्वल क्लैश की तैयारी कर रहे हैं। जामा में झामुमो की लुईस मरांडी के खिलाफ बीजेपी ने सुरेश मुर्मू को टक्कर दी, तो विपक्ष में बसंत सोरेन को टक्कर देने के लिए बीजेपी के पूर्व न्यूनतम सुनील सोरेन पूरी तैयारी के साथ मैदान में हैं। वहीं देवघर में पूर्व मंत्री सुरेश रैना दो बार भाजपा नेता नारायण दास के साथ मुकाबला कर रहे हैं।

महामुकाबला पर इन श्लोकोच्चारण

बरहेट विधानसभा (ST): यह सीट शुरू से ही झामुमो के तलाश में है। पिछले चुनाव में रसेल सोरेन ने बीजेपी के साइमन मालतो को हराया था। साइमन बीजेपी छोड़ चुके हैं, इसलिए भगवा दल को भीतरघात का खतरा है। इस बार एथलेटिक्स की सीधी टक्कर बीजेपी के मालियल हेम्ब्रेज से होगी।

मधुपुर विधानसभा: यहां से मंत्री हफीजुल हसन मैदान में हैं। बीजेपी ने फिर खेला गंगा नारायण सिंह का दांव। पिछले चुनाव में हाफीजुलाई 23 हजार की जीत से जीत हुई थी। ज्योतिषियों के जियाउल हक नाइक टार्जन स्टूडियो को त्रिकोणीय बनाने में शामिल हैं। यहां झामुमो को सत्ता विरोधी हवा का सामना करना पड़ सकता है, तो भाजपा भीतरघात से सीख रही है।

जामताड़ा : कांग्रेस के टिकट मंत्री डॉ. किशोर मैदान में हैं, तो बीजेपी ने सोरेन परिवार की बहू सीता सोरेन को उतार दिया है। 2019 में आरोप 38 हजार से ज्यादा की कीमत पर मिले थे। 2005 में यहां विष्णु प्रसाद भैया ने कमल की मूर्ति बनाई थी, इसके बाद बीजेपी नहीं जीती। सोरेन परिवार की बहू के नाते-रिश्तेदारों में भाजपा की सीता की उपस्थिति काफी चर्चा में है। उन्हें एसटी स्टोर का लाभ हो सकता है।

महागामा : दीपिका पांडे सिंह कांग्रेस के टिकट फिर से मैदान में हैं। पिछले चुनाव में उन्हें 12,499 सीटें मिलीं। बीजेपी ने 2014 और 2019 के चुनाव में अशोक कुमार भगत को उतारा है। अशोक कुमार 2014 में यहां से नामांकित नेता बने हुए हैं।

जरमुंडी : लगातार दो बार कांग्रेस के क्लाउड लेटरलेख के नेता हैं। इस बार हैट्रिक की आस में हैं। वे पेट्रोलियम सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। बीजेपी ने मैग्जीन कुँवर को उतारा है। पूर्व मंत्री की सत्ता के खिलाफ विरोधी वेव बड़ा फैक्टर हो सकता है, जहां, पूर्व मंत्री हरिनारायण के साथ बैठक से मुकाबला रोचक रहेगा।

उत्तर : झामुमो ने बसंत सोरेन को दूसरी बार उम्मीदवार बनाया है। उनके सामने प्रोटोटाइप के अल्पसंख्यक और जामा के नेता सुनील सोरेन मैदान में हैं। 2009 और 2019 में पिछली तीन चुनावों में झामुमो ने जीत हासिल की। 2019 में एलिवेटर सोरेन 13,188 से जीत। विधानसभा में झामुमो के बसंत सोरेन ने बीजेपी की लुईस मरांडी को हराया।

बोरियो : इस सीट से 2024 में झामुमो ने बीजेपी छोड़ दी, आय लोबिन हेंब्रम मैदान में हैं। वहीं, झामुमो ने स्थानीय नेता धनंजय सोरेन को हटा दिया है। लोबिन काफी कद्दावर नेता माने जाते हैं। उनकी मित्रता के बीच अच्छी छवि है।

जामा : जामा सोरेन परिवार की सीट रही है। शिबू सोरेन के बड़े बेटे दुर्गा सोरेन के बाद उनकी पत्नी सीता सोरेन यहां रहती हैं। इसमें बारमुमो ने लुईस मरांडी को उतारा है। उन्हें बीजेपी के सुरेश मुर्मू टक्कर दे रहे हैं।

पाकुड़ : यह सीट के अंदर है। अल्पसंख्यक बहुसंख्यक सीट से विधायक आलम जागीर आलम पूर्व मंत्री रह रहे हैं। यहां से लगातार दो बार के नेता आलम गीर अभी भी जेल में हैं। उनकी जगह पत्नी निशात आलम मैदान में हैं। उन्हें आजसू मछली के बीच मुकाबला दे रहे हैं।

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