बिहार टीचर्स पोस्टिंग विवाद क्या है? उच्च न्यायालय पहुंच मामला, अब बैकफुट पर सरकार
पटना. बिहार में चल रहे सैटेलाइट के पोस्टिंग मामले में आज पटना हाईकोर्ट का एक बहुत बड़ा ऑर्डर आया। इस ऑर्डर के बाद अब प्लांट की पोस्टिंग पर रोक लगा दी गई है। पटना हाईकोर्ट के आदेश के बाद सरकार बैकफुट की घोषणा हुई। पोर्टफोलियो में शिक्षा मंत्री ने पोर्टफोलियो के लिए स्थापत्य पुस्तकालय रखा है। उन्होंने कहा कि इस काउंसिल में संशोधन किया जाएगा और नए पोर्टफोलियो का निर्माण किया जाएगा। आपको बता दें कि सचिवालय जिले के कुटुंबा खंड के 13 प्लास्टर का पुरालेख आपको दिया गया था। इसी सूची की सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय ने उनकी सूची पोस्टिंग पर लगाई थी।
गढ़वाल जिले के कुटुंबा खंड के 13 कच्चे माल की खुदाई की गई थी। कंपनियों की सूची में नीरज कुमार पांडे, सुनील कुमार मिश्रा, कुमार विजेंद्र, विकास कुमार विश्वास, मनोज कुमार सिंह, संतोष कुमार, संजीव कुमार सिंह, नरेंद्र कुमार नंद, सुनील कुमार सिंह, सत्य प्रकाश, देव कुमार पांडे, सुदेश कुमार ठाकुर और मुकेश कुमार सिंह शामिल हैं. दूसरे पक्ष से पटना के प्रमुख मृत्युंजय कुमार ने अपनी वर्कशॉप पेश की। इस केस की सुनवाई जस्टिस प्रभात कुमार सिंह कर रहे थे.
उच्च न्यायालय में क्या हुआ
सोसायटी के वकील डेथंजय कुमार ने लोकल 18 को निर्देश दिया कि एसोसिएटेड को स्टेट पर्सनेल का पदस्थापित करने के लिए बिहार में विशिष्ट शिक्षक नियमावली लायी गयी थी। इस नियमावली के तहत संगठनात्मक सेआवेदन जारी किया गया। हमारे तीन स्थानों का स्थान भी माँगा गया। कहा गया कि जिले से मेरिट का खाता आवंटित किया जाएगा। रेफ्रिजरेटर सक्षमता परीक्षा का नाम दिया गया। इसके तहत सारी प्रक्रिया शुरू की गई। जिलों का विवरण भी हो गया और फिर उस जिले का चित्रण भी हो गया। इसके बाद स्कूल अललॉट का इंतजार किया जा रहा था। इस प्रक्रिया को शुरू करके शिक्षा विभाग ने 07 अक्टूबर 2024 को एक नया नियम बनाया। पूर्वोत्तर बिहार शिक्षक सूची पोस्टिंग नाम दिया गया है। इसके तहत फिर से अप्लाई करने को कहा गया. अंतिम तिथि भी निर्धारित की गई। इसके बाद एक और पोस्टर लगाया गया था जिसमें कहा गया था कि अगर आप अप्लाई नहीं करेंगे तो जिस जिले में आप इंग्रीडिएंट्स होम सोसायटी में भर्ती हो गए हैं, वहां आपका पोस्टर लगा दिया जाएगा।
उन्होंने आगे बताया कि यह रिज़ोल्यूशन और लॉट ओल्ड बिहार एक्सक्लूसिव टीचर्स रूल 2023 के नवीनीकृत के खिलाफ़ निकाला गया है। जिसे हमने चुनौती दी थी. उच्च न्यायालय के सामने सारी बातें सामने आईं। सभी बातों को ध्यान में रखने के बाद उच्च न्यायालय ने इन 13 उत्पादों के मामलों में लिस्टिंग को ठोस स्थिति निर्धारण के निर्णय पर पोस्ट किया। साथ ही सरकार से इस मसाले पर रिजर्वेशन मांगा गया है।
सिर्फ 13 प्लांट लगाए गए थे
वकील मृत्युंजय कुमार ने यह साफ कहा कि कोर्ट के फैसले पर पोस्टिंग पोस्टिंग सिर्फ नीरज कुमार पांडे सहित कुल 13 उद्यमियों पर लागू होती है जो बिहार के सभी 5 लाख सरकारी पर लागू होती है। यह सभी 13 शिक्षक, सक्षमता परीक्षा पास कर चुके हैं। व्यावसायिक समुदाय भी अलॉट हो गए हैं और सभी स्कूल अलॉट का इंतजार कर रहे हैं। अभी योगदान नहीं दिया गया है. बिना योगदान भागीदारी के इनपर पोस्टल पोस्टिंग के नियम लागू किये जा रहे हैं।
क्या देखा डेल
वकील मृत्युंजय कुमार ने बताया कि बिहार एक्सक्लूसिव टीचर्स नियम 2023 के नियम 3(1) में कहा गया है कि सक्षम परीक्षा पास होने के बाद जिस दिन ज्वाइनिंग होगी उस दिन टीचर एक्सक्लूसिव टीचर्स बन जाएंगे। जब तक जारी नहीं करते हैं तब तक कैटलॉग शिक्षक ही पढ़ेंगे। इसके बाद जो नई नागरिकता शामिल है उसमें लिखा है कि शिक्षक पर यह नियम लागू नहीं होते हैं। अप्लाई करने की आवश्यकता नहीं है. हमारी अदालत में यह कहा गया था कि जब तक हम एक्सक्लूसिव सिव ट्रेनर नहीं बने, तब तक तो फिर भी पोस्टर की बात कहां से आती है। इस पर कोर्ट ने बिहार सरकार के वकील को जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है.
एंटरप्राइज़ एंटरप्राइज़ में सरकार ने किया ये काम
यहां के उच्च न्यायालय के आदेश के बाद बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस कर जानकारी देते हुए कहा कि नई सूची-पोस्टिंग नीति से कई शिक्षक और शिक्षक संघों को नुकसान हुआ है। इन सिद्धांतों पर ध्यान दिया जाए सरकार ने यह निर्णय लिया है कि इस नीति को अंतिम रूप दिया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि अभी किसी भी शिक्षक की नियुक्ति किसी अन्य स्थान पर नहीं की जायेगी. सभी स्टार्स की बातों को सुनने के बाद इस पर निर्णय लिया जाएगा। जरूरत पड़ी तो इसमें संशोधन भी किया जाएगा।
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पहले प्रकाशित : 19 नवंबर, 2024, 17:58 IST