उत्तर प्रदेश

जनता की राय: प्राइवेट मेडिकल कॉलेज अग्निकांड…जांच के नाम पर सिर्फ लीपापोती! सीएमएस पर कार्रवाई कब होगी?

ऍन.जी. बीएड मेडिकल कॉलेज अग्निकांड को 5 दिन बीत चुके हैं लेकिन, अभी तक किसी की जिम्मेदारी तय नहीं हो पाई है। 12 बच्चों की मौत के बाद भी यह नहीं पता चला कि एनआईसीयू वार्ड लाक्षागृह में किसकी प्रतियोगिता हुई थी। जांच पर जांच चल रही है, लेकिन किसी भी तरह की जांच नहीं हो रही है।गौरतलब है कि मेडिकल कॉलेज अग्निकांड के बाद यूपी सरकार ने कमिश्रर विमल और सिद्धार्थ कलानिधि नैथानी की 2 आदर्श समिति के कलाकारों की 24 घंटे के अंदर की रिपोर्ट दी थी। इस 2 सचिवालय समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि राजशाही ने राजशाही को खत्म कर दिया है। जांच में यह बात सामने आई कि मेडिकल कॉलेज अग्निकांड एक हादसा था। कोई योजना नहीं थी. जबकि डीजीएमई डॉ. किंजल सिंह की कैथेड्रल टीम में स्टूडियो 4 की टीम अभी अपनी जांच कर रही है।

एक शख्स संजय पटवारी ने कहा कि इस पूरी घटना की जांच के नाम पर सिर्फ लीपापोती चल रही है। कई लोगों का पलायन का काम जारी है। इसमें मेडिकल प्रशासन से जुड़े लोगों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। महेंद्र ने कहा कि जब पहले ही पता चला कि वायरिंग गलत है तो वह ठीक क्यों नहीं हुआ? शासन से आये 4 करोड़ रूपये कहाँ खर्च हुए? इसका भी भुगतान होना चाहिए. एक अन्य शख्स ने कहा कि इस घटना की वजह से नवजात बच्चों ने अपनी जान खो दी है. ज़िम्मेदारियों को बक्शा नहीं जाना चाहिए।

उत्तरदायित्वों को छुपाने के लिए जांच की नौटंकी
पंकज रावत ने कहा कि इसमें पूरी जिम्मेदारी सीएमएस और सीएमएस की है। उनकी ही गवाही में ये सारा काम था. लेकिन, जिस तरह से क्लीन चिट दी जा रही है ये गंभीर सवाल है। जांच के नाम पर जिम्मेदार लोगों को बुलाया जा रहा है। यहां के डॉक्टर मेडिकल कॉलेज में मरीज़ों को प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज कराने के लिए मजबूर कर रहे हैं।

पहले प्रकाशित : 20 नवंबर, 2024, 20:00 IST

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