बिहार

भोजपुर समाचार: किसानों को बकाया सीधा लाभ, भोजपुर में आशिष की शुरुआत

भोजपुरी: बिहार के भोजपुर जिले में दूध उत्पादन और विक्रय बाजार में सबसे पहले एक नया काम आशिष विक्रय मंच द्वारा शुरू किया गया है। इस उद्देश्य का उद्देश्य केवल उच्च गुणवत्ता वाले मठ मठ का निर्माण करना है, बल्कि क्षेत्र के किसानों और स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी प्रदान करना है।

आशीष फर्म का प्लांट बबुरा गांव के निकट सिवानचक गांव में स्थापित किया गया है। 75 लाख रुपए की लागत से बनाए गए इस सामूहिक प्लांट से क्षेत्र के 20-25 क्षेत्र के लगभग 100 पशुपालक और 100 से अधिक स्थानीय लोगों को सीधा लाभ मिलेगा।

गुणवत्तापूर्ण उत्पाद और बेहतर कीमत का दावा
आशीष एग्रीमेंट में दूध, क्रीम, मक्खन, दही और लस्सी जैसी वस्तुओं का निर्माण होगा। कंपनी के डीलर का दावा है कि यहां के उत्पादों की गुणवत्ता बाजार में पहले से मौजूद बड़ी कंपनियों से बेहतर होगी।

स्थानीय किसानों को अधिक लाभ देने के उद्देश्य से आशिष बेंचमार्क अन्य फर्मों से अधिक कीमत पर दूध खरीदेगी। जहां बड़े उद्योगपति किसान 31 रुपये प्रति लीटर दूध की खरीददारी करते हैं, वहीं आशिष बेंचमार्क न्यूनतम 32 रुपये प्रति लीटर दूध की खरीददारी करते हैं। इसके साथ ही, निवेशकों को बेहतर गुणवत्ता वाले और नामांकित विकल्प मिल सके।

बिचौलियों की भूमिका ख़त्म, रोज़गार का वादा
एंटरप्राइज़ प्लांट को दियारा क्षेत्र में स्थापित करने का मुख्य उद्देश्य स्थानीय किसानों और पशुपालकों को बिचौलियों से छिपाना है। आशिष वैष्णव के संस्थापक विनोद सिंह ने बताया, दियारा क्षेत्र के किसान बिचौलियों के माध्यम से दूध को बड़ी कंपनी में प्रदर्शित किया जाता था, जिससे किसानों को उनके उत्पादों का पूरा प्रदर्शन नहीं मिल पाता था। अब, प्लांट को सीधे दियारा क्षेत्र में स्थापित कर हमने बिचौलिए को पूरी तरह से हटाने का प्रयास किया है। किसान अब सीधे एंटरप्राइज़ प्लांट से जुड़ेंगे और बेहतर आय प्राप्त करेंगे।

किसानों को जोड़ने के लिए नई व्यवस्था
किसानों को सामूहिक प्लांट से जोड़ने के लिए हर पंचायत में एक केंद्र और एक समिति बनाई जाएगी।
– किसानों को समिति में शामिल कर एक फॉर्म भरवाया जाएगा।
– हर गांव के केंद्र पर किसान अपने दूध को जमा करेंगे।
– सामूहिक प्लांट की गाड़ी सीधे गांव के केंद्र से दूध डेयरी और प्लांट तक पहुंच जाएगी।

इस व्यवस्था से किसानों को सीधा लाभ मिलेगा और खाता-किताब भी जारी रहेगा।

स्थानीय विकास की ओर कदम
आशिष बेनामी का उद्देश्य न केवल फर्मों के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा करना है, बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराना और किसानों को आत्मनिर्भर बनाना भी है। यह सबसे पहले भोजपुर जिले को लाठी के क्षेत्र में एक नई पहचान की दिशा में महत्वपूर्ण साबित कर सकता है।

टैग: बिहार समाचार, स्थानीय18

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