बिहार

सोनपुर मॉल में आम या आम नहीं बांस अचार की शानदार सजावट, बाजार से कम दाम में उपलब्ध है

राजकुमार सिंह/स्टार: सोनपुर मॉल में इस बार झारखंड से आया 20 सिलिकॉन का अचार बाजार चर्चा का केंद्र बना है। मेले में बिकने वाले आचार्यों के खास आकर्षण का केंद्र “बांस का आचार्य” है, जिसे लोग खूब पसंद कर रहे हैं। 250 ग्राम बांस के अचार की कीमत 40 रुपये रखी गई है और इसका ट्रायल से शानदार बैकअप मिल रहा है।

बांस के अचार की प्रकृति
बांस के अचार को बनाने में काफी मेहनत लगती है. इसे बांस की कॉपर (नवीन कोमल शाखा) से तैयार किया जाता है। झारखंड के साहिबगंज जिले के विजय कुमार सिंह ने बताया कि यह अचार लहसुन की तरह तीखा और स्वाद में बेहद चटपटा होता है। बांस की कॉपर प्रति 2000 रुपये में खरीदी जाती है। इसके बाद इसे ढोकर, विशाख और नमक में प्लास्टर पैक किया जाता है। कुछ दिनों के बाद इसे पिक्चर के साथ तैयार किया गया।

35 लोगों को रोजगार
विजय कुमार सिंह ने बताया कि आचार्य बनाने की प्रक्रिया में करीब 35 लोग काम करते हैं। यह कार्य केवल रोजगार का साधन नहीं बन रहा है, बल्कि सोनपुर जिले में झारखंड के आचार्यों की प्राथमिकता को भी बढ़ाया जा रहा है।

20 से अधिक प्रकार के आचार्य
सोनपुर मेले में झारखंड के इन सादृश्य ने 20 से अधिक प्रकार के अचार की मूर्तियाँ बनाईं हैं। इनमें बांस के अलावा कई अन्य प्रकार के अचार भी शामिल हैं। बांस के अचार की अनोखी विशेषताएं और इसका स्वाद इसमें शामिल है।

बांस का उपयोग और परंपरा
विजय सिंह ने बताया कि जिस बांस का उपयोग हम आमतौर पर घर बनाने, लकड़ी या छड़ी बनाने में करते हैं, वह बांस अब भी उपयोगी साबित हो रहा है। बांस का अचार न केवल स्वाद में अद्वितीय है, बल्कि यह पारंपरिक शैली में भी विशेष स्थान रखता है।

सोनपुर मेले में आकर्षण का केंद्र
सोनपुर मेले में बांस का अचार तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। झारखंड के ये दिग्गज अपने उद्यम और अनूठे उत्पादों के माध्यम से न केवल चाहत का दिल जीत रहे हैं, बल्कि इस पारंपरिक व्यवसाय को एक नई पहचान भी दे रहे हैं।

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