बिहार

सावधान! अगर किसानों ने इस काम के लिए लाइसेंस ले लिया है, तो किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिलेगा

गोपालगंज. कृषि विभाग ने अब साफ कर दिया है कि अगर किसान अपने विभाग में जमीन के किनारे जैसे पराली, पुआल, भूसा या खूंटी को जलाएंगे तो उन्हें कृषि विभाग के किसी भी आश्वासन का लाभ नहीं मिलेगा। गोदाम में फार्म फार्म नहीं लिखे जाने को लेकर कृषि विभाग लगातार किसानों से अपील कर रहा है। क्योंकि इससे लाभ से अधिक हानि हो रही है। अब कृषि विभाग ने नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। अगर किसान इलेक्ट्रॉनिक में पराली को जलाते हुए पकड़े गए, तो उन्हें आगे से किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिलेगा। संबंधित विभाग के सभी अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं।

जिला कृषि पदाधिकारी ललन कुमार सुमन ने बताया कि सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारी, कृषि समन्वयक तथा किसान सलाहकारों को यह निर्देश दिया गया है कि किसानों से यह अपील करें कि फसल के अवशेष काे खेतों में ना जलाएं. इनके नुकसान के बारे में भी बताएं. यदि इसके बावजूद भी किसी किसान प्लांट को परमिट में जला दिया जाता है, तो उसके सूचना विभाग को सूचित करें। उनका नाम ब्लैक लिस्ट में शामिल किया जाएगा और कृषि विभाग की सभी मंजूरी से उन्हें मंजूरी दे दी जाएगी।

पुआल को उखाड़ फेंका गया से ओके का हो रहा नुकसान
डीएओ ने कहा कि फसल के अवशेषों से मिट्टी की मात्रा बढ़ती है, जिससे जमीन का कार्बन और अन्य पोषक तत्त्व जलकर नष्ट हो जाते हैं जिससे मिट्टी की भी कमी हो जाती है। जिससे उर्वरा शक्ति कम हो जाती है। धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे बढ़ती हुई मिट्टी मरणासन्न की ओर चली जाती है और उपजी घटने लगती है। नष्ट के समय में भारी मात्रा में विकिरण गैसें भी नष्ट हो जाती हैं, जो पर्यावरण के लिए भी खतरनाक है।

ऑनलाइन में मिले बिजनेस के ब्रांड, तो होगा फ़ायदा
कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है कि किराए वाले जमीन पर ही किसानों से मुलाकात की जाए। इससे जुड़े पदार्थों में शामिल होते हैं। जिससे आगामी फसल को मुनाफा होता है।

गठबंधन के प्रबंधन के लिए बातचीत दर पर मिल रहे मशीन
कृषि विभाग की ओर से फसल प्रबंधन के लिए कई मशीनरी विशेष अनुदान दिया जा रहा है। इसमें रीपर कम बाइंडर, खेत की फसल काटकर बांधने का भी काम करता है। स्ट्रॉ रीपर, साओकेल में साओथ पुआल को कॉम्बिनेशन बनाकर पेट बनाना देता है। हैप्पी सीडर की सहायता से कंबाइन मशीन द्वारा काटे गए धान के मार्गदर्शन में बिना पुआल जलाए के दस्तावेजों की सूची तैयार की जा सकती है। इस जमीन में बाचे हुए पुआल को विखंडित मलचर के रूप में जमीन मिलती है। असली मालचर भी धान के पुआल और खर-पटवारों को मिट्टी मिलाता है।

टैग: बिहार समाचार, गोपालगंज खबर, स्थानीय18

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *