
वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन को मंजूरी, इतने हजार करोड़ का होगा निवेश, जानें कितने स्टूडेंट्स को होआ फायदा?
<पी शैली="पाठ-संरेखण: औचित्य सिद्ध करें;">केंद्र सरकार ने देशभर में उच्च शिक्षा, शोध और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए ‘वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन’ योजना को मंजूरी दे दी है. यह योजना विशेष रूप से शोध लेखों और पत्रिकाओं की डिजिटल पहुंच को सरल और सुलभ बनाने के लिए होगी. इसके तहत, सभी सरकारी उच्च शिक्षण संस्थानों, विश्वविद्यालयों, शोध संस्थानों और आरएंडडी प्रयोगशालाओं को एक केंद्रीय डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से समेकित पत्रिका सब्सक्रिप्शन की सुविधा मिलेगी. इस योजना के अंतर्गत अगले तीन वर्षों (2025-2027) में कुल 6,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा.
शोध और उच्च शिक्षा में सुधार की दिशा में कदम
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस योजना को मंजूरी देते हुए कहा कि यह भारत के युवाओं के लिए गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा तक पहुंच बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण कदम होगा. ‘वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन’ योजना का उद्देश्य, पिछले एक दशक में सरकार द्वारा शुरू की गई शिक्षा सुधार पहलों को और मजबूत करना है, जिससे छात्रों और शोधकर्ताओं को उच्च गुणवत्ता वाली शैक्षिक सामग्री और शोध पत्रों तक पहुंच प्राप्त हो सके.
यह योजना अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी पहल का एक अहम हिस्सा बनेगी. इसके जरिए सरकारी विश्वविद्यालयों और अनुसंधान संस्थानों में नवाचार की संस्कृति को प्रोत्साहित किया जाएगा और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से शोध कार्यों में तेजी आएगी.
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कैसे मिलेगा सब्सक्रिप्शन
इस योजना का संचालन आईएनएफएलआईबीएनईटी (Information and Library Network Centre) द्वारा किया जाएगा, जो विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) का एक स्वायत्त इंटर-विश्वविद्यालय केंद्र है. ‘वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन’ योजना के तहत, केंद्र और राज्य सरकार द्वारा संचालित सभी उच्च शिक्षा संस्थान, शोध संस्थान और प्रयोगशालाएं राष्ट्रीय स्तर पर उपलब्ध पत्रिकाओं और शोध सामग्री तक पहुंच प्राप्त कर सकेंगे.
साथ ही साथ उच्च शिक्षा विभाग एक विशेष इंटीग्रेटेड पोर्टल भी तैयार करेगा. इसके माध्यम से सभी शैक्षिक संस्थान और शोधकर्ता विभिन्न प्रकार की वैज्ञानिक पत्रिकाओं और शोध लेखों तक आसानी से पहुंच बना सकेंगे.
देशभर में शिक्षा और शोध को मिलेगा प्रोत्साहन
इस योजना के लागू होने से भारत के छात्रों और शोधकर्ताओं को ग्लोबल शैक्षिक नेटवर्क में महत्वपूर्ण सामग्री उपलब्ध होगी. जिससे उनकी शोध क्षमताओं में वृद्धि होगी. इसके अलावा, यह योजना नवाचार और रचनात्मकता को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा को भी एक नया आयाम देने का काम करेगी.
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